India News(इंडिया न्यूज),बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में बेसिक शिक्षा विभाग में मिड-डे मील यानी मध्यान्ह भोजन योजना का करीब साढ़े छः करोड़ रुपए घोटाला करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार शुक्ल की अदालत ने गुरुवार को सातों दोषियों को 10-10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। वहीं एक आरोपी पर न्यायाधीश ने 50 हजार रुपए का जुर्माना तक लगाया है। सातों दोषियों को जेल भेज दिया गया है।
अधिवक्ता सुनील दुबे के मुताबिक सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिलने वाले मिड डे मील योजना के अन्तर्गत सरकारी स्कूलों को मिलने वाली योजना की धनराशि निजी खातों में भेज दी थी। इस मामले में 7 लोग दोषी पाए गए। जिसकी रिपोर्ट 29 दिसंबर 2018 को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी वीपी सिंह ने थाना कोतवाली नगर में दर्ज करवाई थी।
दरअसल, तत्कालीन एमडीएम राजीव शर्मा ने बेसिक शिक्षा विभाग के कुछ कर्मचारियों और सहयोगियों के साथ मिलकर करीब साढ़े छः करोड़ रुपये दूसरों के खाते में भेजकर करप्शन किया था। उस समय के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विष्णु प्रताप सिंह ने जांच के दौरान भ्रष्टाचार को पकड़ा था।जांच में पुख्ता सबूत मिलने पर तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी ने डीसी एमडीएम राजीव शर्मा और इनके सहयोगी रहीमुद्दीन, असगर मेंहदी, विभागीय कर्मचारी अखिलेश शुक्ला, रघुराज सिंह उर्फ किशन के साथ ही दो महिला रोज सिद्दीकी और साधना के खिलाफ नगर कोतवाली में केस दर्ज कराया था।