India News (इंडिया न्यूज़),Dehradun News: उत्तराखंड में देहरादून-हरिद्वार मार्ग पर मणिमाई मंदिर के पास 17 बंदरों की संदिग्ध मौत से हड़कंप मच गया है। साथ ही इन बंदरों की मौत का एक वीडियों भी सामने आया है। वहीं आशंका जताई जा रही है कि इन बेजुबानों को जहर देकर मौत के घाट उतारा गया। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और इन बंदरों के शव बरामद किए। उनमें से कई बीमार पाए गए और बाद में उन्हें इलाज के लिए देहरादून चिड़ियाघर ले जाया गया।
मणिमाई मंदिर के पास इतने सारे बंदरों की मौत के बाद स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा है। वन विभाग की एक टीम इन बंदरों की मौत के पीछे की असल वजह का पता लगाने के लिए मामले की जांच कर रही है। क्या वास्तव में किसी ने जानबूझकर उन्हें जहरीला पदार्थ दिया जिससे उनकी मृत्यु हो गई?
उत्तराखंड में बंदरों की यह पहली संदिग्ध मौत नहीं है। इससे पहले भी रामनगर में जहर खाने से एक दर्जन से अधिक बंदरों की मौत हो चुकी है, लेकिन अब तक घटना का खुलासा नहीं हुआ था। बंदरों को जहर देकर मारा जा रहा है और वन विभाग कुछ नहीं कर रहा है। इस बीच बंदर की मौत का वीडियो वायरल होने के बाद प्रकृति प्रेमी भी काफी दुखी हैं। उनका कहना है कि जब जंगलों में इस तरह से जानवरों का शिकार किया जाता है तो वन विभाग चैन की नींद सोता है।
वन विभाग ने बीमार बंदरों को इलाज के लिए भेज दिया है और फिलहाल देहरादून चिड़ियाघर में उनका इलाज चल रहा है। अब तक 17 बंदरों की मौत हो चुकी है। इस घटना के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया और सवाल उठने लगे कि आखिर देहरादून जैसे सुरक्षित इलाके में ऐसी घटना होने के बाद वन विभाग अपने कर्तव्यों का निर्वहन कैसे कर रहा है।
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