India News (इंडिया न्यूज़) Eye Flu Latest News सुशील कुमार, गोरखपुर : आई फ्ल्यू (Eye Flu Latest News) ने सबकी टेंशन बढ़ा दी है। तमाम जिलो में कुछ इसी तरह के हालात है और आई ड्राप की चर्चित दवाये साटेज है।
जिसके कारण तीमारदार और मरीजो को कुछ दिनों5 की दिक्कत हो रही है। लेकिन पूर्वांचल की सबसे बड़ी दवाओं की मंडी के कारण उस तरह के हालात नहीं होंगे। एक से दो दिन बाद दवाये उपलब्ध हो रही है ।
गोरखपुर समेत आसपास के इलाकों में आई फ्लू (कंजंक्टिवाइटिस) का खतरा काफी बढ़ गया है। इससे सबसे अधिक बच्चे और बुजुर्ग सभी जूझ रहे हैं। वहीं, इन दिनों आंखों की समस्या से जुड़े सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में अपने वाले मरीजों की संख्या भी काफी बढ़ गई है।
लेकिन वहां एक मात्र आई ड्रॉप सिप्रोफ्लाक्सिन होने से मरीजों के लिए कारगर साबित नहीं हो रहा। दवा के थोक मार्केट में इन दिनों आई ड्रॉप का कारोबार दो गुना पहुंच गया है। जहां एक हफ्ते पहले रोजाना 2.5 लाख आई ड्रॉप तक की बिक्री हो रही थी।
वहीं, आई फ्लू का कहर बढ़ते ही अब रोजाना दोगुना यानी 5 लाख से 6 लाख ड्राप की सेल हो रही है। ऐसे में शहर के थोक दवा मंडी भालोटिया मार्केट की बात करें, तो बीते एक हफ्ते में 35 से अधिक आई ड्राप बिक गए हैं।
थोक दवा कारोबारियों के मुताबिक इसके बाद भी रोजाना आई ड्राप की डिमांड बढ़ती ही जा रही है। यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में आई ड्राप का कारोबार रोजाना 10 लाख ड्राव तक पहुंच जाएगा। आई फ्लू (कंजक्टिवाइटिस) को लेकर हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से एडवाइजरी भी जारी कर दी गई है।
डॉ. वाई सिंह : दरअसल, मौसम में बदलाव के कारण इन दिनों वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ा है। जिसकी वजह से आई फ्लू (कंजंक्टिवाइटिस) का कहर देखने को मिल रहा है।
आई स्पेशलिस्ट डॉ. वाई सिंह ने बताया, अगर आंखें लाल हो, उनमें दर्द, जलन, खुजली जैसे लक्षण नहीं है, तो सिप्रोफ्लाक्सासिन कारगर है।
वहीं, आंखों में दर्द, जलन, सूजन, खून आना, पानी गिरना, पलकों पर सूजन और खुजली होना, पलकों का चिपकना जैसे लक्षण हैं तो एक से अधिक एंटीबायोटिक देनी पड़ती है।
डॉ. पंकज कुमार पांडेय : आप्टोमैट्रिस्ट डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि आई फ्लू बढ़ने से सन ग्लासेज और ब्लैक चश्मे की डिमांड भी बढ़ गई है। कोई भी आई फ्लू का पेशेंट आता है तो सीधे उसे नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास भेजा जाता है।
इसको लेकर एक्युआ प्रेसर के चिकित्सको की माने तो आई फ्ल्यू को लेकर बहुत पेनिक होने की जरूरत नहीं है, केवल कुछ नील कलकर का फिंगर में इश्तेमाल करके बच्चे से लेकर बड़े तक आई फ्ल्यू की प्रकोप से बच सकते है, ये बाते दावे के साथ उन्होंने कही ।
फिलहाल अभी दुकानों में स्टॉक मौजूद है। लेकिन लगातार डिमांड बढ़ती जा रही है। ऐसे में आने वाले दिनों में इसी रफ्तार के साथ बिक्री होती गई। तो स्टॉक की कमी हो सकती है। वहीं, ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह का कहना है। तेजी के साथ आई फ्लू स्प्रेड कर रहा है।
जिसकी वजह से आई ड्राप की डिमांड बढ़ गई है। डिमांड को देखते हुए थोक दवा मंडी में लगातार मानिटरिंग की जा रही है। स्टॉक की कमी नहीं होने दी जाएगी। जितने भी स्टाकिस्ट हैं सभी से लगातार संपर्क बनाया गया है, ताकि, दवाईयों की कमी न होने पाए।
आई फ्ल्यू को लेकर जिस तरह से हाहाकार मचा है। सभी आई क्लिनिक पर आँखों के डाक्टर के अस्पतालों पर मरीजो की लम्बी लम्बी कतार लगी हुई है ।
आई फ्ल्यू के कारण आलाम ये है कि दवाओं की डिमांड दुगनी बढ़ गई है। पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी में भी दवाओं की अच्छी खासी खपत बढ़ गई है और उसी हिसाब से आर्डर भी लगाया जा रहा है।
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