India News (इंडिया न्यूज़), Gaurikund Landslide: गौरीकुंड डाट पुलिया के समीप कल भूस्खलन होने के कारण 3 दुकाने और 1 खोका बहने से 19 से अधिक लोगों के लापता हो गए। जिसके बाद से प्रशासन की ओर से 19 लापता लोगों की सूची जारी कर दी गई है। मलबे के बीच बिखरी पड़ी 10 से अधिक कंडियां भूस्खलन हादसे की दर्दनाक दास्तां बयां कर रही हैं। जहां कमाई का साधन तो रह गया लेकिन उससे कमाने वाले मजदूर लापता हो गए हैं, जिनकी लगातार खोज की जा रही है।
प्रशासन की ओर से लगातार रेसक्यू जारी है। जिसके बाद से खोज के दौरान लापता लोगों का सामान मलबे में मिल रहा है।बता दें कि गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ तक यात्रियों को धाम पहुंचाने के लिए मजदूर घोड़ा-खच्चर का इस्तेमाल करते हैं। इसके साथ ही दंडी और कंडी का उपयोग करते हैं। जो यात्री को सोनप्रयाग या गौरीकुंड से अपनी कंडी में बिठाकर चढ़ाई वाले रास्ते से धाम पहुंचाते हैं।
वहीं, गौरीकुंड में रहने वाले नेपाली मूल के हरि पुन ने बताया कि उनके गांव से इस बार 30 से अधिक युवा केदारनाथ यात्रा के लिए यहां पहुंचे थे। जहां केदारनाथ तक यात्रियों को गर्मी, सर्दी व बरसात में कंडी से सकुशल पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती होती है। तब जाकर दो वक्त की रोटी का इंतजाम होता है। एक यात्री को पहुंचाने में 5 से 6 घंटे लग जाते हैं।
कल सुबह से ही लापता लोगों का रेस्क्यू शुरू किया जा रहा है। लेकिन बारिश चुनौती बनी हुई है। मामले में जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया भू-स्खलन से लापता होने वाले 13 लोगों के ( तीन स्थानीय, सात नेपाल मूल के और तीन अन्य राज्य ) अलावा भी कुछ और लोगों के लापता होने की बात सामने आई है।
बता दें, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में गुरुवार देर रात गौरीकुंड चौकी पुल के पास भारी मूसलाधार बारिश के बाद भूस्खलन से 3 दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई। जिसके बाद से जिला प्रशासन की टीम, आपदा प्रबंधन टीम, पुलिस टीम, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ समेत अन्य टीमें मौके पर मौजूद हैं। एसपी रुद्रप्रयाग डॉ. विशाखा ने कहा, ”लापता लोगों की तलाश के लिए ऑपरेशन जारी है।”