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Gonda News: बैराजों से पानी छोड़े जाने के बाद घाघरा और सरयू नदी उफान पर,खतरे के निशान से महज 22 सेमी नीचे 

• LAST UPDATED : August 5, 2023

India News (इंडिया न्यूज़),Abhishek Singh,Gonda News: नेपाल के पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण बैराजों से पानी छोड़े जाने के बाद घाघरा और सरयू नदी पूरे उफान पर है। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक शुक्रवार की सुबह घाघरा नदी खतरे के निशान से महज 22 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। नदी से सटे गांव में पानी का फैलाव होने के बाद घाघरा और सरयू नदी के उतार-चढ़ाव के बीच संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है। हालांकि प्रशासन पानी से घिरे गांव के लोगों को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने का दावा कर रहा है।

ढेमवा घाट पुल के पास 600 मीटर सड़क बही

यूपी के गोंडा जिले में घाघरा और सरयू नदी में बैराजों से पानी छोड़े जाने के बाद जलस्तर में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। कर्नलगंज और तरबगंज तहसील के दो दर्जन ग्राम पंचायतों के करीब तीन दर्जन मजरे पानी के फैलाव से पूरी तरह से घिर चुके हैं। बीते बरस सरयू नदी की उफान से ढेमवा घाट पुल के पास 600 मीटर सड़क बह गई थी। करीब एक वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बाद अभी तक सड़क का निर्माण नहीं हो सका।

पुल के रास्ते से आवागमन पूरी तरह से बंद

जिससे अयोध्या और लखनऊ राजमार्ग जोड़ने वाला यह शॉर्टकट मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया। इस बार सरयू नदी में उफान आने से ढेमवा घाट पुल में कटान शुरू हो गई। संभावित खतरे के मद्देनजर प्रशासन ने पुल के रास्ते से आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया है। सपा शासनकाल में करोड़ों रुपए की लागत से बनाए गए ढेमवा पुल के निर्माण में बड़ी चूक सामने आई है। जिसकी वजह से अब पुल पर खतरा मंडराने लगा है। पुल का निर्माण तो करा दिया गया लेकिन नदी की धारा को मोड़ने वाले पुल के नीचे गाइडिंग बन्ड्स नहीं बनाए गए।

समस्याओं से जूझ रहे 24 पंचायतों के गांव

वहीं नदी के तटवर्ती 24 पंचायतों के गांव ऐसे हैं। जो कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं। बाढ़ का संकट तो है ही। जहां गांव के किनारे तक पानी पहुंच गया है। इससे संक्रामक रोग भी फैलने का खतरा रहता है। नवाबगंज, तरबगंज, करनैलगंज, परसपुर, बेलसर के स्वास्थ्य केंद्रों पर माझा के बीमार लोगों के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था की जा रही है। प्रशासन ने भी स्वास्थ्य टीमों को सक्रिय कर दिया है। जिससे लोगों का परीक्षण कर दवाएं दी जा रही हैं। स्वास्थ्य केंद्रों पर चिक्तिसकों को भी निर्देश दिया गया है। कि दवाओं की कमी न रहने पाए।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि घाघरा और सरयू नदी में बैराजों से लगातार जो पानी का डिस्चार्ज हो रहा है। उसकी बराबर देखरेख की जा रही है। बाढ़ क्षेत्र में प्रशासन के अधिकारी लगातार फील्ड में उतरकर निगरानी कर रहे हैं। ढेमवा घाट पुल की कटान जब संज्ञान में आया तो उसे तत्काल आवागमन बंद करा दिया गया। यह एक ऐसा विषय था। जो बाद में समस्या उत्पन्न कर सकता था। पुल के नीचे जो गाइडिंग बन्ड्स बनाए जाते हैं। नदी को गाइड करते हैं। वह नहीं बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि गाइडिंग बन्ड्स बनाने में बहुत समय लगता है।

स्वास्थ्य टीम क्षेत्र में कर रही है भ्रमण 

सिंचाई विभाग के अधिकारियों को गाइडिंग बन्ड्स बनाने के लिए कार्यवाही पूरा करने की निर्देश दिए गए हैं। पानी घटने लगा है। जलस्तर घटने के बाद सिल्ट आ जाती है। संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका होती है। इसके मद्देनजर हमारी स्वास्थ्य टीम क्षेत्र में भ्रमण कर रही हैं। लोगों को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। दोनों नदियां खतरे के निशान से नीचे हैं। इसलिए किसी भी प्रकार की आशंका नहीं है।

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