India News (इंडिया न्यूज़) Haj Yatra 2024 उत्तर प्रदेश : मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने पीएम मोदी को पत्र लिखा। जावेद ने हज यात्रा में हो रहीं बेपनाह दुश्वारियों पर पीएम मोदी का ध्यान दिलाया।
आपको बता दे, डॉ. जावेद उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के चेयरमैन और सेंट्रल हज कमेटी, भारत सरकार के पूर्व सदस्य भी है। मुस्लिम धर्म में हज़ यात्रा बहुत खास माना जाता है।
जिसको लेकर इस धर्म को मानने वाले खासा तैयारी करते है। माना जाता है की हज़ वही करता है जिसके ऊपर किसी का कर्ज नहीं होता है। हार साल सरकार हज़ यात्रियों के लिए व्यवस्था करती है।
आपको बता दे, इस साल हज़ यात्रा करने वाले भरी मात्रा में है। क्यूंकि कोरोना काल में हज़ यात्रा को बंद कर दिया गया था। तीन साल बाद हज़ यात्रा शुरू हुआ है। जिस वजह से हज़ यात्रा की संख्या है।
हज़ यात्रा को लेकर मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने पीएम मोदी को पत्र लिखा। जावेद ने कहा कि पिछली सरकारों की तुलना में हमारी सरकार में ज्य़ादा हज कोटा दिया गया है।
डॉ. इफ्तिखार ने पत्र लिख कहा कि 2100 रियाल प्रत्येक हज जायरीन को ख़र्च के लिए न मिलना आश्चर्यजनक है। आपको बता दे, इससे पहले जायरीन को ख़र्च के लिए पैसा दिया जाता था।
आगे पत्र में लिखा कि हज-2023 की घोषणा तक़रीबन 4 महीने देर से हुई जिसकी वजह से हर काम में देरी हुई। इसके अलावा 3 वर्ष से सेंट्रल हज कमेटी का गठन ना होना भी अजीब रहस्य है।
पत्र में आगे लिखा कि हज ज़ायरीनों को ठहरने के लिए बिल्डिंग देखने ना जाने से बेपनाह दुश्वारियां हो रहीं है। जहाजों के चयन प्रक्रिया देर से शुरू हुई।
जिसकी वजह से प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत एक दर्जन इम्बारकेशन केन्द्रों से इस बार उड़ाने नहीं हो सकीं। अहमद जावेद ने कहा कि हम सब ‘धर्मो रक्षति रक्षितः’ परंपरा के लोग हैं। ऐसे में हज जैसे पवित्र कार्य में इस प्रकार की उदासीनता समझ से परे है।
आगे कहा कि हम जैसे कार्यकर्ता सबका साथ सबका विकास की भावना से कार्य करते हुए सबका विश्वास प्राप्त कर रहे है। भारत के कुल हज यात्रियों में उत्तर प्रदेश से तक़रीबन एक चौथाई हज ज़ायरीन जाते हैं।
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