India News (इंडिया न्यूज़), Kanpur Crime: कानपुर से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक छात्र बैग में चाकू रखकर विद्यालय के अंदर पहुंच गया। मौका मिलते ही अपने साथ पढ़ रहे दोस्त की उसी चाकू से हत्या कर दी।बता दें, इससे स्कूल की लापरवाही का मामला सामने आया है। अगर स्कूल समय-समय पर बच्चों के बैग चैक करता तो शायद आज यह घटना नहीं होती।
बता दें, मामले को देखते हुए प्रशासन ने कहा कि जल्द ही सभी स्कूलों में सप्ताह में दो बार विद्यार्थियों के स्कूल बैग की जांच होगी। यह बात उत्तर प्रदेश के बिधनू के प्रयाग विद्यालय मंदिर इंटर कॉलेज में जांच करने पहुंची राज्यपाल अधिकारी संरक्षण आयोग की ओर से कहीं गई। बता दें, अनीता अग्रवाल स्कूल में हुई घटना को लेकर स्कूल के प्रधानाचार्य से पूछताछ की। वहीं शिक्षा विभाग को मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं।
घटना के बाद स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया कि सभी छात्र छात्राएं अधिकतर स्कूल के 500 मीटर के दायरे में ही रहते हैं। स्कूल खत्म होने के बाद बच्चों का आपस में मिलना जुलना लगा रहता है। शायद बाहर किसी बात को लेकर उनके बीच विवाद हुआ होगा। जिसके बाद से आयोग ने स्कूल स्तर पर निगरानी टीम बनाने की निर्देश दिए।
वहीं स्कूल की व्यवस्था बताता है की किन हालातों में स्कूल चल रहा है। बता दें कि स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरे के विषय में जब प्रधानाचार्य से पूछा गया कि स्कूल में कितने सीसीटीवी है। तो उन्होंने बताया कि कुल 16 सीसीटीवी कैमरे स्कूल परिसर में लगाए गए हैं। जिनमें से चार कैमरे निर्माण कार्य के चलते बंद है। और वहीं जब प्रधानाचार्य से घटना पर होने वाले जगह का फुटेज मांगा तो इस पर प्रधानाचार्य ने अपनी बात रखते हुए कहा कि कक्षा के पास कैमरा लगा हुआ था।
जब पुलिस सीसीटीवी फुटेज खगालने लगी तो उसमें नीलेंद्र की हत्या होने के बाद सभी विद्यार्थी इधर से उधर दौड़ते हुए दिखे। जो कि सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई। वहीं आयोग ने स्कूल में सुधार को लेकर बिल्डिंग की बाउंड्री उची करवाने तथा कमियों में सुधार के निर्देश दिए हैं। वही घटना के बाद स्कूल में डीआईओएस समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
आयोग की ओर से आई अनीता अग्रवाल बताती है कि नीलेंद्र की मां को पहले से ही घटना की आशंका हो गई थी। बता दें की हत्या से पहले नीलेंद्र ने अपनी मां पूनम से हत्यारोपी छात्र के साथ हुए झगड़े को लेकर कहा था कि हमारी बीच में किसी बात को लेकर विवाद हो गया। नीलेंद्र की मां बताती है कि अगर ऐसी स्थिति में यदि विद्यालय को पहले से ही खबर दे देती तो शायद आज मेरा बेटा जिंदा होता। इसके बाद से आयोग की सदस्य अनीता अग्रवाल ने अभिभावकों को भी जागरूक रहने के लिए प्रेरित किया।