India News UP (इंडिया न्यूज़), Mukhtar Ansari : पूर्व विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है। इस दौरान आज फर्जी शस्त्र लाइसेंस से जुड़े एक मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। बता दे कई साल से माफिया मुख्तार अंसारी पर केश चल रहा था। आज यानि मंगलवार को 36 साल पुराने मामले में वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने मुख्तार को दोषी करार दिया। इस मामले में मुख्तार के खिलाफ आईपीसी की धारा 468/120, 420/120, 466/120B और आर्म्स एक्ट के तहत कई मामले दर्ज है।
आज वाराणसी के एमपी एमएलए कोर्ट में जज अवनीश गौतम की अदालत ने माफिया मुख्तार अंसारी को468/120 में 7 साल की सजा 50 हजार जुर्माना , 420/120 में 7 साल की सजा 50 हजार जुर्माना, 466/120B में उम्रकैद और आर्म्स एक्ट में 6 महीने की सजा सुना दी है। बता दे, 11 मार्च को बहस पूरा होने के बाद 12 मार्च दिन मंगलवार को कई भ्रष्टाचार के मामले में मुख्तार को दोष मुक्त किया गया।
बता दें कि इस मामले की सुनवाई में माफिया मुख्तार अंसारी बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए और इस मामले में पूर्व मुख्य सचिव और पूर्व डीजीपी ने भी गवाही दी थी। वहीं, 10 अन्य लोगों ने गवाही भी दी है।
मुख्तार अंसारी के खिलाफ गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद थाने में मामला दर्ज किया गया था। इन्हीं धाराओं के तहत मुख्तार के खिलाफ स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में मुकदमा दर्ज किया गया था। सुनवाई में मुख्तार अंसारी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने पुनर्विचार का अनुरोध किया। आरोप था कि गाजीपुर के तत्कालीन डीएम और एसपी के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति कराकर लाइसेंस हासिल किया गया था।
इस मामले की जांच के बाद वर्ष 1997 में तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव व मुख्तार अंसारी के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में भेजा गया। मामले की सुनवाई के दौरान गौरीशंकर श्रीवास्तव की मृत्यु के कारण 18 अगस्त 2021 को उनके खिलाफ मामला हटा दिया गया था। लेकिन कोर्ट में मुख्तार के खिलाफ सुनवाई चल रही थी। आज सजा के ऐलान के वक्त वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बांदा जेल से जुड़े थे।
मालूम हो कि इससे पहले योगी सरकार की प्रभावी पैरवी के कारण कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की हत्या के मामले में भी माफिया मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सुनाई जा चुकी है। मुख्तार अंसारी को अब तक कुल आठ मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। इससे पहले दिसंबर 2023 में वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट ने 26 साल पुराने कोयला व्यवसायी नंद किशोर रुंगटा की हत्या के गवाह महावीर प्रसाद रुंगटा को धमकाने के मामले में मुख्तार अंसारी को दोषी पाते हुए साढ़े पांच साल की कठोर कारावास और 10 हजार जुर्माने की सजा सुनायी थी।
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