Mukhtar Ansari News: लग्जरी गाडियों का कलेक्शन, राजाओं वाली ज़िंदगी, लेकिन फिर भी माफिया मुख्तार का ये सपना क्यों रह गया अधूरा? जानें अंसारी की ये इनसाइड स्टोरी

India News (इंडिया न्यूज),UP Nikay Chunav 2023: मुख्तार अंसारी पर गैंगेस्टर एक्ट मामले में गाजीपुर की एमपीएमएलए कोर्ट(MP/MLA Court) ने 29 अप्रैल को अपना फैसला सुनाया। फैसले के मुताबिक कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा और 5 लाख का आर्थिक दंड भी लगाया। फिलहाल मुख्तार बांदा जेल में बंद है। इस मामले में अलका राय ने कहा कि मामला कोर्ट में है और मुझे कोर्ट पर विश्वास है तो वहीं दूसरी ओर भाई अफजाल अंसारी को कोर्ट ने 4 साल की सजा व एक लाख रूपए का आर्थिक दंड लगाया।

मुख्तार क्रिकेट का बेहतरीन खिलाड़ी

अगर मैं आपसे सवाल करूं कि यूपी की जेल में बंद और फिलहाल 10 साल की सजा काट रहे मुख्तार अंसारी के बारे में कितना जानते हैं आप? तो आपका क्या जवाब होगा यही ना की वह अतीक अहमद की तरह ही एक माफिया रहा है। लेकिन आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से मुख्तार अंसारी की इनसाइड स्टोरी बताएंगे। हम आपको बता दें कि मुख्तार माफिया डॉन बनने से पहले कॉलेज के दिनों में क्रिकेट का बेहतरीन खिलाड़ी रहा है। वह एक क्रिकेट प्रेमी के साथ ही जबरदस्त निशानेबाज भी रहा है। इसके साथ ही शुरू से ही मुख्तार को महंगी गाड़ियों में घूमने और उसे खरीदने का शौक था। अंसारी अपने कॉलेज के दिनों में दोस्तों के बीच अपने लंबे कद के कारण लंबू के नाम से पहचाना जाता था। मुख्तार दोस्तों के साथ और दोस्तों के बीच बुलेट और जीप की सवारी करते हुए मोहमदाबाद और गाजीपुर की सड़कों पर अक्सर दिख जाता था।

महंगी गाड़ियों का है कलेक्शन

मुख्तार जब गैंगस्टर से राजनीति में आया और मऊ से 5 बार विधायक चुना गया तो गाड़ियों का यह शौक उसके साथ काफिले के रूप में बदल गया। धीरे-धीरे मुख्तार के पास मारुति जिप्सी के अलावा टाटा सफारी, फोर्ड एंडेवर, पजेरो स्पोर्ट, ऑडी, BMW जैसी गाड़ियों का खूब सारा कलेक्शन मौजूद हो गया। 1980 और 1990 के बीच जब मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी भी विधायक हो चुके थे। तब क्रिकेट खिलाड़ी मुख्तार अंसारी को बुलेट मोटर साइकिल और कार से शिकार पर जाने का शौक चढ़ा।

काफिले में होती थी 786 नंबर की गाड़ियां,फिर भी ये गाड़ी का सपना अधूरा

80 और 90 का दशक ये वो दौर था जब मार्केट में मारुति जिप्सी, मारुति कार और वैन जैसी गाड़ियों ने अपनी बाज़ार में आए और छाए। सन् 1986 की बात है जब हरिहरपुर के सच्चिदानंद राय हत्याकांड के बाद जब मुख्तार पहली बार जेल से बाहर आया तो उसके काफिले में उस समय की लक्जरी गाड़ियों की एक लंबा काफिला था। इसमें सबसे गौर करने वाली बात यह है कि मुख्तार अंसारी के काफिले में चलने वाली सभी गाड़ियों का नंबर एक ही था। जी हां! आपने सही पढ़ा सभी गाड़ियों के काफिले का न. एक जैसा ही था और वो गाड़ी संख्या थी 786 हो भी क्यों ना क्योंकि मुख्तार उस दौर का एक माफिया, डॉन, राजनेता सबकुछ तो था। लेकिन फिर भी गाड़ी कलेक्शन के मामले में मुख्तार का सपना अधूरा ही रह गया अब आपके मन में सवाल पनप रहा होगा यही की कौन सा सपना? तो हम आपको बता दें कि मुख्तार ने तय कर रखा था की जब वो जेल से छूट कर आएगा तो बाज़ार में बिकने वाली एस यू वी “हमर” खरीदेगा लेकिन ये शौक अभी तक पूरा ना हो सका क्योंकि मुख्तार तो अभी जेल की हवा खा रहा है।

कृष्णानंद हत्या मामला मुख्तार को ले डूबा

कहा जाता है कि 2002 के चुनाव में मुख्तार अंसारी का भाई अफजाल अंसारी मोहम्मदाबाद सीट से चुनाव लड़ा और बीजेपी के कृष्णानंद राय से वह बुरी तरह हार गया। अब ये बात न तो मुख्तार को हजम हुई और न ही उसके भाई को। उसके बाद अक्टूबर 2005 में मऊ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के दौरान दंगे भड़क उठे। इस दंगे का दोषी मुख्तार को पाया गया और उसे इस मामले में जेल तक जाना पड़ा। इसी बीच 29 नवंबर 2005 को बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या कर दी गई और फिर राजनीति में सरकारें बदलती रहीं लेकिन मुख्तार अंसारी की कस्मत नहीं बदली क्योंकि वह कभी जेल से बाहर नहीं आ पाया।

15 साल पुराना मामला

जानकारी हो कि पूरा मामला 15 साल पुराना है। इसमे गवाही और पेशी दोनों हो चुकी है। वहीं अफजाल और मुख्तार पर प्रथम दृष्टया आरोप भी तय हो चुके हैं। 2005 में तत्कालीन बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड मामले में मुख्तार और अफजाल पर 2007 में गैंगेस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया था। आज उसी मामले में गाजीपुर की एमपीएमएलए कोर्ट फैसला सुनाया। वहीं एक और मामले में मुख्तार अंसारी पर गैंगेस्टर एक्ट के अंतर्गत मामला चल रहा है। दरअसल चंदौली में 1996 कोयला व्यवसायी नंदकिशोर रूंगटा अपहरण व हत्या कांड और कृष्णानंद राय हत्या कांड को जोड़कर गैंग चार्ट बनाया गया था।

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Monu kumar

मोनू कुमार ने अपने पत्रकारिता जीवन की शुरुआत India Ahead News Channel (इससे पहले ये यूट्यूब पोर्टल Jantalk और mdvlogs का भी हिस्सा रहे हैं) से की। फिलहाल ये अभी हमारे ITV Network (India News) का हिस्सा हैं।

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