India News (इंडिया न्यूज),Mukhtar Ansari News: उत्तर प्रदेश का माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) बीते कई सालों से जेल में बंद है। इसके बावजूद भी उसका आपराधिक साम्रराज्य बढ़ता ही चला गया। दरअसल, मुख्तार अंसारी पर गैंगेस्टर एक्ट मामले में गाजीपुर की एमपीएमएलए कोर्ट(MP/MLA Court) ने 29 अप्रैल को अपना फैसला सुनाया। फैसले के मुताबिक कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा और 5 लाख का आर्थिक दंड भी लगाया तो वहीं दूसरी ओर भाई अफजाल अंसारी को कोर्ट ने 4 साल की सजा व एक लाख रूपए का आर्थिक दंड लगाया।
मुख्तार अंसारी के दादा का नाम भी मुख्तार ही था। वह आजादी से पहले कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। देश को आजाद कराने में उनका अहम योगदान रहा। मुख्तार के दादा गांधीजी के काफी करीबी माने जाते थे। उन दिनों मऊ में उसके परिवार को एक अलग ही इज्जत मिली हुई थी। वे 1926-1927 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और फिर मुस्लिम लीग अध्यक्ष भी रहे। कहानी तो ये भी है कि डॉ. अंसारी महात्मा गांधी के काफी करीबी थे। कुल मिलाकर कहें तो वह गांधीवादी विचारधारा के समर्थक थे।
मुख्तार अंसारी के नाना का नाम मोहम्मद उस्मान था। वह सेना में ब्रिगेडियर थे। उनका रसूख भी कम नहीं था। देश के लिए सेवा देने के लिए उन्हें महावीर चक्र से भी सम्मानित किया गया था। साल 1947 में उन्होंने नैशेरा की लड़ाई लड़ी थी। देश को इस लड़ाई में जीत दिलाकर खुद उन्होंने बलिदान दे दिया।
माफिया मुख्तार अंसारी के पिता सुब्हानुल्लाह अंसारी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता थे. उनकी छवि काफी साफ मानी जाती थी. अपनी छवि की वजह से वह साल 1971 के नगर पालिका चुनाव में निर्विरोध चुने गए थे। लेकिन मुख्तार अंसारी अपने पिता से बिल्कुल उलट है।