India News (इंडिया न्यूज),Mukhtar Ansari News: उत्तर प्रदेश का माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) बीते कई सालों से जेल में बंद है। इसके बावजूद भी उसका आपराधिक साम्रराज्य बढ़ता ही चला गया। दरअसल, मुख्तार अंसारी पर गैंगेस्टर एक्ट मामले में गाजीपुर की एमपीएमएलए कोर्ट(MP/MLA Court) ने 29 अप्रैल को अपना फैसला सुनाया। फैसले के मुताबिक कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा और 5 लाख का आर्थिक दंड भी लगाया तो वहीं दूसरी ओर भाई अफजाल अंसारी को कोर्ट ने 4 साल की सजा व एक लाख रूपए का आर्थिक दंड लगाया।
एक समय था। जब मुख्तार और उसके परिवार की पूरे उत्तर प्रदेश में चलती थी। पूर्वांचल का कोई ऐसा जिला नहीं था जहां कोई भी ऐसा सरकारी ठेका नहीं था जो उसकी मंजूरी के बिना किसी और को दे दिया जाए। बता दें कि मुख्तार की पत्नी से लेकर बेटों तक पर गंभीर आरोप लगे हैं। मुख्तार का परिवार लाइफस्टाइल के मामले में शुरू से ही काफी सही रहा है। ऐसे में आज हम आपको मुख्तार के परिवार की पूरी जन्म कु्ंडली बताएंगे।
मुख्तार अंसारी का जन्म 30 जून 1963 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में हुआ। परिवार का काफी नाम था। लोग खूब सम्मान करते थे। मुख्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। वे 1926-1927 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और फिर मुस्लिम लीग अध्यक्ष भी रहे। कहानी तो ये भी है कि डॉ. अंसारी महात्मा गांधी के काफी करीबी थे। कुल मिलाकर कहें तो वह गांधीवादी विचारधारा के समर्थक थे।
मुख्तार अहमद अंसारी के परिवार के कई सदस्य पाकिस्तान चले गए। अहमद अंसारी के बेटे सुब्हानउल्लाह अंसारी देश के बड़े वामपंथी नेता थे। सुब्हानउल्लाह ने बेगम राबिया के साथ शादी की थी। दोनों से तीन बेटे हुए। सिबकतुल्लाह अंसारी, अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी थे।
सिबकतुल्लाह अंसारी दो बार दो अलग-अलग पार्टियों से विधायक रह चुके हैं। एक बार 2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर और 2017 में कौमी एकता दल के टिकट पर सिबकतुल्लाह ने चुनाव में जीत दर्ज की थी। सिबकतुल्लाह का एक बेटा है सुहेब। इस बार सुहेब ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट से चुनाव जीता है।
अफजाल अंसारी ने पांच बार विधायक का चुनाव जीता है जबकि दो बार सांसद का भी चुनाव जीत चुके हैं। अगर विधायकी की बात करें तो 1985, 1989, 1991, 1993 और 1996 में लगातार पांच बार सीपीआई पार्टी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव जीत कर विधायक बने। वहीं अगर उनके सांसद बनने की बात करें तो 2004 में सपा के टिकट पर पहली बार लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की। 2019 में दूसरी बार बसपा के टिकट पर सांसद बने। अब अफजाल अंसारी को चार साल की सजा हुई है। ऐसे में अफजाल की संसद सदस्यता भी चली गई। अफजाल की तीन बेटियां हैं।
मुख्तार अंसारी तीनों भाइयों में सबसे छोटा मुख्तार अंसारी है लेकिन वहीं अगर अपराध की बात करें तो वह इसमें सबसे बड़ा है। मुख्तार अंसारी की शुरुआती पढ़ाई युसुफपुर गांव में हुई। इसके बाद उसने गाजीपुर कॉलेज से स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। मुख्तार अंसारी की पत्नी का नाम अफशां अंसारी है। अफशां के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। अफशां पर यूपी पुलिस ने हाल ही में 75 हजार रुपये का इनाम तक रख दिया है। बता दें कि वह लंबे समय से फरार चल रही है। अफशां और मुख्तार के दो बेटे हैं अब्बास अंसारी और उमर अंसारी। मुख्तार का बड़ा बेटा अब्बास अंसारी इन दिनों पिता की तरह जेल में बंद है तो वहीं छोटा बेटा उमर अंसारी अभी फरार चल रहा है।