INDIA NEWS (इंडिया न्यूज़), लखनऊ : उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव में टिकट पाने के लिए इस बार सारे दलों में जबरदस्त मारामारी रही।
दूसरे चरण के चुनाव के टिकट भाजपा से लेकर ज्यादातर पार्टियां आज फाइनल कर देंगी। उसकी वजह ये है कि दूसरे चरण के नामांकन पत्र भरने में सिर्फ 2 दिन बचे हैं।
पार्टियों द्वारा ऐन वक्त पर टिकट घोषित करने का प्रमुख कारण दावेदारों की संख्या ज्यादा होना है। भाजपा में इस बार सबसे ज्यादा प्रतिस्पर्धा है। दूसरे दलों की भी यही स्थिति है, लेकिन मारामारी इससे थोड़ा कम है।
शायद ऐसा पहली दफा है जब निकाय चुनाव के दावेदार टिकट न मिलने पर जहर खा रहे हैं, केरोसिन छिड़क रहे हैं और खुलकर रुपए वसूलने के आरोप लगा रहे हैं। वेस्ट यूपी में हाल के दिनों में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं।
गाजियाबाद में लोनी क्षेत्र से BJP विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने 20 अप्रैल को एक चिट्ठी राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि पार्टी के प्रदेश मंत्री और जिला पंचायत अध्यक्ष के पति बसंत त्यागी ने एक दावेदार से 2 करोड़ रुपए ले रखे हैं, इसलिए वे उसी दावेदार को टिकट दिलाना चाहते हैं। जबकि ये दावेदार कई चुनावों में भाजपा के विरोधी गुट से रहा है।
बुलंदशहर में सपा जिलाध्यक्ष की ऑडियो सामने आई है। इसमें वो कथित रुपए से चेयरमैन पद के एक दावेदार से 70 हजार रुपए लेने और फिर वापस करने की बात कहते सुनाई दे रहे हैं। जिस प्रत्याशी की बात हो रही है, उस सीट पर अभी इसी वजह से टिकट फाइनल नहीं हुआ है।
अमरोहा जिले में 16 अप्रैल को भाजपा नेता मुकेश सक्सेना ने जहर खा लिया। वे भाजपा से वार्ड मेंबर का टिकट मांग रहे थे, लेकिन पैनल से नाम कटने पर आत्मघाती कदम उठाया।
शामली जिले में 15 अप्रैल को वार्ड मेंबर का टिकट मांग रहे भाजपा नेता दीपक सैनी ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। भाजपा को जैसे ही दीपक के जहर खाने की खबर मिली तो तुरंत संशोधित सूची जारी की और दीपक को टिकट दे दिया। हालांकि तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
मुजफ्फरनगर में भाजपा के कुछ असंतुष्ट कार्यकर्ताओं ने टिकट वितरण में गड़बड़ी का आरोप लगाकर कई दिनों तक हंगामा किया। इन्हें मनाने के लिए पिछले दिनों प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी खुद मुजफ्फरनगर आए थे।
गाजियाबाद में भाजपा में मेयर सीट को लेकर जबरदस्त घमासान है। महिला मोर्चा की टीम ने बगावती सुर दिखा दिए हैं। दिल्ली-लखनऊ में टीम डेरा डाले है।
महिला मोर्चा का कहना है कि मेयर सीट महिलाओं के लिए आरक्षित है तो मोर्चे से जुड़ी महिलाओं को ही मौका मिलना चाहिए। जबकि पैनल के 5 में से 3 नाम नेताओं की पत्नियों के हैं।
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