India News (इंडिया न्यूज़), Pradosh Vrat Pooja: इस समय अधिक मास चल रहा है। अधिक मास का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है। अधिक मास का पहला प्रदोष व्रत 30 जुलाई को है। 30 जुलाई को रविवार है। प्रदोष व्रत एक हिंदू व्रत है जो अधिक मास (एक वृष्टिक मास) के रविवार को चंद्र उदय के पूर्व समय में मनाया जाता है। यह व्रत शिव पूजा के लिए प्रसिद्ध है। यहां कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को समझाया गया है।
रवि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की उपासना के साथ-साथ सूर्य देव की उपासना का भी विधान है। शास्त्रों में बताया गया है कि इस उपवास को रखने से साधक को रोग एवं दोष से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। साथ ही उसे धन-समृद्धि और आरोग्यता की प्राप्ति होती है।
शुभ मुहूर्त: व्रत का आरंभ सूर्योदय के पश्चात और सूर्यास्त के पूर्व होता है। प्रदोष व्रत प्रारंभ: 30 जुलाई 2023 सुबह 10:34 बजे
प्रदोष व्रत समाप्त: 31 जुलाई 2023 प्रातः 07:27 बजे
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें। शिवलिंग की स्थापना करें
गंगाजल से शिवलिंग को स्नान कराएं।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। अगर संभव है तो व्रत करें।
भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें।
भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें।
इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें। …
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के अलावा मां पार्वती, भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय और नंदी की भी पूजा की जाती है।
पूजा के लिए आपको बिल्व पत्र, धूप, दीप, धातु कलश, सिंदूर, अक्षता, धनिया, गुड़, गुलाब जल, दूध, दही, घी, शहद, फल और फूल की आवश्यकता होती है।
Also read: Muharram 2023: वाराणसी में यहां से निकलेगा ताजिया जुलूस, सोशल मीडिया पर निगाह, हाई अलर्ट जारी..