India News(इंडिया न्यूज़), देहरादून “Pramod Rawat” : मुख्यमंत्री सुरक्षा में तैनात 40वी वाहिनी कमांडो कॉन्स्टेबल प्रमोद रावत ने कल सीएम कार्यालय और आवास के बीच बने बैरक में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद परिसर में मौजूद कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने प्रमोद को दिन में वहां पर टहलते हुए देखा था। प्रमोद ने उन लोगों से पूछा कि किस समय ड्यूटी पर जाना है। उन्होंने कहा- दो बजे जाएंगे, अभी इंतजार करना पड़ रहा है। जिसके बाद प्रमोद अपनी बैरक में चले गए। दोपहर सवा दो बजे पता चला कि प्रमोद की गोली लगने से मौत हो गई है।
Uttarakhand | Pramod Rawat, a commando posted in the security of CM, allegedly accidentally shot himself dead with his own service rifle. The incident took place in the commando barracks. Senior officials have reached the spot and the forensic team is conducting the investigation… pic.twitter.com/X9HqkMcuxI
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 1, 2023
बता दें कि परिसर में कुल पांच बैरक हैं। जिनमें से सीएम की सुरक्षा में 10 से 11 कमांडो तैनात रहते हैं। लेकिन, दोपहर बाद ऐसा क्या हुआ की बैरक में गोली चल जाती है और किसी को इसकी आवाज तक सुनाई नहीं देती। इस बात पर विश्वास करना थोड़ा मुश्किल हो रहा है। वहां मौजूद लोग बता रहें है कि यहां अक्सर छतों पर बंदर कूदते रहते हैं तो कभी लकड़ी गिराते हैं तो कभी बराबर वाले परिसर की टिन शेड पर कूदते हैं। जिससे हो सकता है शायद जब गोली चली हो तो लोगों ने बंदरों की उछलकूद समझकर इसे नजरअंदाज कर दिया हो।
वहीं, हवा में अक्सर जाली वाले दरवाजे जोर-जोर से टकराते रहते हैं। बैरक परिसर में गूंज के साथ यह आवाज भी भयंकर लगती है। शायद इस कारण भी गोली की आवाज और इस तरह की आवाज में लोग भेद न कर पाए हों।
अगर बात करें उनके परिवार की तो प्रमोद की दादी की पिछले साल मौत हो गई थी। जिसको लेकर वार्षिक श्राद्ध के लिए पौड़ी के घर पर भागवत करवानी थी। जिसके लिए उन्होंने 16 जून से छुट्टी मांगी थी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि प्रमोद की छुट्टी मंजूर भी हो गई थी। उनके परिवार में भी कोई ऐसी दिक्कत नहीं बताई जा रही है। लोगों का कहना है कि जब प्रमोद वहां पर टहल रहे थे तो कुछ परेशान से लग रहे थे। लेकिन, सबको लगा हो सकता है कि वह कुछ सोच रहे हों। मगर, इन सब बातों को लेकर फिलहाल प्रमोद की मृत्यु एक रहस्य बन गई है।
मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात जवानों प्रमोद रावत जो कि मूल रूप से कपोलस्यूं पट्टी के अगरोड़ा गांव का रहने वाला था। उसकी आत्महत्या किए जाने की घटना से ग्रामीण हथप्रथ हैं। वहीं मृतक के शोक में अगरोड़ा बाजार के व्यापारियों ने आज अपनी दुकानें बंद रखी। जानकारी देते हुए कांग्रेस के प्रदेश सचिव एवं स्थानीय ग्रामीण दीपक असवाल ने बताया कि मृतक जवान के पार्थिव शरीर को गांव लाया जा रहा है। जहां उनके पैतृक घाट ज्वाल्पा में जवान का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बताया कि कमांडो प्रमोद रावत ने ऐसा कदम क्यों उठाया किसी की समझ में नहीं आ पा रहा है। घटना के बाद से क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है। वहीं शोकाकुल व्यापारियों ने पूरे अगरोडा बाजार में अपनी दुकानें बंद रखी हैं।
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