India News (इंडिया न्यूज़) Pratapgarh News प्रतापगढ़ : उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ (Pratapgarh News) जिला कारागार में संदिग्ध परिस्थितियों में विचाराधीन बंदी की मौत हो गयी।
हरदोई के बाद प्रतापगढ़ में बन्दी की मौत के बाद अफसरों के हाँथ पांव फूले।
बंदी को आनन फानन में मेडिकल कालेज लाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया, बाघराय थाना इलाके में साल 2016 में हुए हिस्ट्रीसीटर राजेश सिंह की हत्या में मृतक बन्दी उमेश सिंह 7 सालों से जेल में बंद था ।
एक साल पहले नैनी सेंट्रल जेल से प्रतापगढ़ जिला कारागार में शिफ्ट किया गया था, मृतक बाघराय के कोडराजीत का रहने वाला था।
दरअसल, मृतक बन्दी के शरीर को सिर से लेकर गले और पीठ पर चोटों के निशान नजर आ रहे है। सिर से खून भी रिस रहा है। यह जिला कारागार में उमेश सिंह की मौत की सूचना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया।
जेल प्रशासन पर मृत बन्दी के रिश्तेदार अभिषेक सिंह ने आरोप लगाया कि इनको साजिश के तहत इलाहाबाद जेल से पहले प्रतापगढ़ के लिए डेढ़ साल पहले ट्रांसफर करवाया गया।
साजिश शुरू से चलती रही है कि किसी तरीके से इनको मरवाया जाए। उसके बाद इन लोगों एक दो बार पहले भी मरवाने की कोशिश किये जो नाकाम हो गई।
आगे कहा कि फिर अभी कुछ दिनों पहले जेलर पांडे जी और सिंटू सिंह, पिंटू, मनोज लोग जाकर उनके आवास पर मिले उनसे पैसे का लेनदेन भी हुआ है। जो भाई है मेरा कभी बुखार की भी दवा नहीं खाया उसको गलत बताकर उसकी हत्या करवा दिए।
हत्या के मामले में 120B में जेल में थे। अभी तो पोस्टमार्टम हुआ नहीं है। लेकिन जेल प्रशासन बता रहा है हार्ट अटैक से हुई है। इस प्रकार का कोई सिम्टम्स नही था। कभी बुखार भी नहीं हुआ है। इनको जहर दिया गया है या तो कोई इंजेक्शन दिया गया है जिसके चलते मौत हुई है।
प्रभारी जेल अधीक्षक राजेश पांडेय किसी भी साजिश से साफ इनकार करते हुए बताया कि मृतक बन्दी उमेश कुमार सिंह पुत्र श्री राम करन सिंह मई 2022 से इस कारागार में बंद हैं।
इन पर 302, गैंगस्टर और 120B का भी केस था। आज सुबह जेल खुलने के बाद नाश्ते के समय अचानक इनकी तबियत खराब हुई। जिसके बाद तत्काल कारागार के चिकित्साधिकारी पहुँचे और आवश्यक उपचार के बाद जिला अस्पताल के लिए भेज दिया गया।
जहाँ इनकी डेथ हो गई। इनको मारा पीटा नहीं गया है। मारने पीटने जैसी कोई बात नहीं है। यह आरोप गलत है लेकिन इस बात जेलर ने भी स्वीकार किया कि यह पहले से बीमार नहीं थे अचानक बीमार हुए।
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