Protest against hit and run law : क्या है नया ‘हिट एंड रन’ कानून, ट्रक-बस ड्राइवर क्यों कर रहे चक्का जाम, जानें वजह

India News (इंडिया न्यूज़) Protest against hit and run law : हाल ही में लागू हुए नए ‘हिट एंड रन’ कानून के खिलाफ देशभर में इसका विरोध प्रदर्शन चल रहा है। आखिर इस कानून में ऐसा क्या परिवर्तन किया गया है। जिससे ट्रक-बस ड्राइवरों को सड़क पर उतरना पड़ रहा है।

दरअसल, अगर कोई हिट एंड रन का दोषी पाया जाता है तो 10 साल की सजा और 10 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान लागू कर दिया गया है। हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात समेत कई राज्यों में ट्रकों के पहिये थमने से हालात बिगड़ रहे हैं।

जरूरी सामानों की सप्लाई पर असर!

इसका असर जरूरी सामान की सप्लाई पर पड़ रहा है। ट्रकों की हड़ताल जारी रही तो लोगों को दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कमी हो सकती है। बाजार में दूध, फल और सब्जियों जैसी रोजमर्रा की चीजों की आवक कम हो सकती है। कई शहरों में पेट्रोल-डीजल की कमी को देखते हुए पेट्रोल पंपों पर लोगों की भीड़ उमड़ रही है। आशंका है कि हालात और खराब हो सकते हैं क्योंकि पेट्रोल-डीजल लाने वाले टैंकर भी हड़ताल में शामिल हैं।

जानें पूरा कानून

हाल ही में भारतीय न्यायिक संहिता में हिट एंड रन एक कानून बन गया है। आने वाले समय में इसके नए प्रावधान भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के पुराने प्रावधानों की जगह लेंगे। लेकिन नये प्रावधान को लेकर विरोध शुरू हो गया है। नए प्रावधान के मुताबिक, अगर सड़क दुर्घटना में किसी की मौत हो जाती है और ड्राइवर मौके से भाग जाता है तो उसे 10 साल की जेल हो सकती है और जुर्माना भी देना होगा।

8 साल बढ़ गई सजा

दरअसल, हर साल करीब 50 हजार लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं और समय पर इलाज न मिलने के कारण हो जाती है। इसीलिए सरकार ने हिट एंड रन कानून को और सख्त कर दिया है। हिट एंड रन मामले में पहले दो साल की सजा का प्रावधान था और जमानत भी आसानी से मिल जाती थी। यही सख्त प्रावधान इसके विरोध का कारण बन रहे हैं। सरकार का मानना है कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अगर समय पर इलाज मिल जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है।

बस, टैक्सी और ऑटो ड्राइवर कर रहे विरोध

देशभर के कई राज्यों में ट्रक ड्राइवर इसका विरोध कर रहे हैं। न सिर्फ ट्रक ड्राइवर बल्कि बस, टैक्सी और ऑटो ड्राइवर भी इसका विरोध कर रहे हैं। क्योंकि नए कानून निजी वाहन चालकों पर भी समान रूप से लागू होंगे। विरोधियों का मानना है कि ये प्रावधान बहुत सख्त हैं और इन्हें नरम करने की जरूरत है। ड्राइवरों का कहना है कि अगर वे मौके से भागे तो उन्हें सख्त सजा मिलेगी। हालांकि, दुर्घटना के बाद अगर वह रुका तो उसकी जान को खतरा है। क्योंकि ऐसी स्थिति में मौके पर मौजूद लोग या भीड़ हिंसक हो सकती है। ऐसे में ड्राइवर को खुद अपनी जान का खतरा रहता है।

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Anubhaw Mani Tripathi

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