India News (इंडिया न्यूज़),Raksha Bandhan 2023: कल शाम से पूरे देश में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया गया। इस खास अवसर पर उड़ीसा के जगन्नाथ धाम से आई राखी रामलला को बांधी गई। राम की जन्मभूमी अयोध्या में जगन्नाथ मंदिर के पुजारी जनार्दन पट्टा जोशी महापात्रा राखी लेकर आए थे। इस अवसर पर पुजारी ने श्री रामजन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को राखी सौंपी। जिसे आदर भाव के साथ आचार्य सत्येंद्र दास ने स्वीकार किया। जगन्नाथ पुरी की राखी कल शाम 8:04 के बाद रामलला को पुजारी जी द्वारा बांधी गई।
ये राखी रामलला के प्रधान पुजारी को जगन्नाथ भगवान की तरफ से भेंट में दी गई। वहीं, कल रामलला का झूलन भी समाप्त हो गया। श्री रामजन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि रक्षाबंधन के खास अवसर पर रामलला को राखी बांधी गई।
अयोध्या दौरे पर उड़ीसा के जगन्नाथ मंदिर के प्रधान अर्चक ने रामलाल जी के किए। ऐसा माना जाता है कि श्रीराम और भगवान जगन्नाथ के बीच काफी घनिष्ठता रही है। इसलिए जगन्नाथ धाम की तरफ से इस बार आए दो राखियों के सेट को विधिवत पूजा पाठ कर के रामलला को राखी बांधी गई।
अयोध्या में तैयार हो रहे भगवान राम मंदिर भूमि पूजन के तीसरी वर्ष में भव्य मंदिर आकार ले रहा है। कुछ महीने बाद रामलला अपने नए मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। बताया जा रहा है कि मंदिर को अब अंतिम रुप दिया जा रहा है। मंदिर समिति के तरफ से कहा गया है कि, 2024 जनवरी से मंदिर को भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा।
अयोध्या के लोगों का मानना है कि भगवान राम की बहन का मंदिर उड़ीसा में है। इस नाते आज भी जगन्नाथ मंदिर से पुजारी राखी लेकर अयोध्या आते है। बहुत समय पहले से परंपरा है राम की बहन का विवाह उड़ीसा के तरफ हुआ था। इस मन्यता को मानकर उड़ीसा से राखी लाकर भगवान राम को बाधते है। जैसे मिथिला में भगवान राम का विवाह हुआ था वहां के लोग भगवान को अपना दामाद मानते है। छतीसगढ़ में भगवान राम की ननिहाल है वहां के लोग भगवान राम को अपना भांजा मानते है। ठीक उसी तरह से मन्यता को मानते हुए उड़ीसा के लोग राखी लेकर भगवान राम को राखी बाधने आते है।