Ram Mandir : जानें राम मंदिर में कितनी होगी पुजारी की संख्या, महीनों से कर रहे गुरुकुल के नियमों का पालन

India News (इंडिया न्यूज़) Ram Mandir : 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) का प्राणप्रतिष्ठा होगा। उससे पहले वहा के सभी चीजों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नगरी भगवान राम की है तो काम भी आदर्श और सामाजिक समरसता का होगा। आज रामलला के मूर्ति का भी चयन हो गया है।

जिस्ज्का फोटो केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। वही राम मंदिर में कितने पुजारी रहेंगे इसका भी लिस्ट आ गया है। इसमें 24 पुजारियों का चयन कर लिया गया है। ये सभी पिछले तीन महीने से गुरुकुल के नियमों का पालन कर रहे है। इस 24 पुजारियों में दो अनुसूचित जाति (एससी) और एक पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से शामिल हैं।

राम मंदिर के महंत मिथिलेश नंदिनी शरण और महंत सत्यनारायण दास मंदिर की मूर्तियों की पूजा के लिए पुरोहिताई और अनुष्ठान का प्रशिक्षण दे रहे हैं। हालाँकि, यह पहली बार नहीं है कि किसी गैर-ब्राह्मण को पुजारी नियुक्त किया गया है।

पहले अन्य पिछड़ा वर्ग से होते थे पुजारी

पहले राम मंदिर में मुख्य पुजारी अन्य पिछड़ा वर्ग से होता था। अगर दक्षिण भारत के मंदिरों की बात करें तो 70 प्रतिशत पुजारी गैर-ब्राह्मण हैं। शैव परंपरा के अखाड़ों में गैर-ब्राह्मणों का भी वर्चस्व है। पुजारियों का चयन योग्यता के आधार पर ही किया गया है। स्वामी रामानंद ने कहा था कि जाति-पाति कोई भी हो, हरि का भजे सो हरि का होई… तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती, महासचिव, अखिल भारतीय संत समिति) ने जनेऊ के माध्यम से समाज को नया संदेश देने की पहल की है।

हनुमानजी के वैदिक ध्यान मंत्र सहित 14 प्रश्नों पर किया गया चयन

सभी पुजारियों को रामानंदी परंपरा के अनुसार तीन माह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस दौरान ये युवा गुरुकुल के नियमों का पालन कर रहे हैं। इनमें से कोई भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकता और न ही किसी बाहरी व्यक्ति से संपर्क कर सकता है।

बता दे, 14 सवालों की बाधा पार करने के बाद नवंबर में सभी 24 पुजारियों का चयन हो गया। तीन दौर के साक्षात्कार के बाद 3240 में से 25 उम्मीदवारों को प्रशिक्षण के लिए चुना गया। बाद में एक उम्मीदवार आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने अपना नाम वापस ले लिया।

आचार्य शास्त्री के अनुसार

आचार्य शास्त्री के अनुसार अंतिम राउंड के तीन प्रश्न काफी कठिन थे। हनुमानजी का वैदिक ध्यान मंत्र, सीता का ध्यान मंत्र और भरतजी का ध्यान मंत्र। आमतौर पर लोग इस पर ध्यान नहीं देते। पहले चरण में संध्या वंदन, नाम, गोत्र, शाखा, प्रवर के अनुसार प्रश्न पूछे गए और दूसरे चरण में आचार्य की डिग्री के अनुसार प्रश्न पूछे गए। मुख्य प्रश्न: रामजी की पूजा विधि, ध्यान मंत्र, सीताजी का ध्यान मंत्र, भरतजी का ध्यान मंत्र, रामजी का जन्म किस लग्न में हुआ, हनुमान जी का वैदिक ध्यान मंत्र।

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Anubhaw Mani Tripathi

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