India News UP (इंडिया न्यूज़), Ayodhya: अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में विराजमान होने के करीब 500 साल बाद राम नवमी मनाने की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। इस दौरान लाखों की तादाद में श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या आ सकते हैं। 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। जिसके बाद अयोध्या में रामभक्तों का तांता लगा हुआ है।
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इस साल रामनवमी बेहद खास होगी क्योंकि 500 साल बाद अयोध्या के राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामनवमी का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस साल बुधवार यानी 17 अप्रैल को रामनवमी है। रामनवमी के लिए अयोध्या के भव्य राम मंदिर में विशेष तैयारियां की गई हैं। एक अनुमान है कि रामनवमी के दिन करीब 25 लाख श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या आ सकते हैं।
राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने भी राम नवमी को लेकर खास तैयारी कर की है। कुछ दिनों पहले रामलला का सूर्य तिलक ट्रायल किया गया था। राम नवमी को दोपहर 12.16 मिनट पर सूर्य की किरणें भगवान राम के माथे पर पड़ेंगी। भगवान राम के माथे पर करीब 5 मिनट तक सूर्य तिलक लगाया जाएगा। इसके लिए मंदिर प्रशासन ने पाइप और शीशों से बना एक विशेष उपकरण तैयार किया है।
राम मंदिर निर्माण के प्रभारी गोपाल राव ने बताया कि 16 और 18 अप्रैल को सुबह 6 बजे से रामलला के दर्शन शुरू होंगे। फिलहाल शाम 6:30 बजे श्रृंगार आरती के बाद रामलला के दर्शन शुरू होते हैं। वहीं, नए शेड्यूल के मुताबिक, हनुमानगढ़ी में सुबह 3:00 बजे से 4:00 बजे तक हनुमान जी की आरती, पूजा और श्रृंगार किया जाएगा। भक्त सुबह 4 बजे हनुमानजी के दर्शन कर सकेंगे।
बदा दें ट्रस्ट की तरफ से बताया गया है कि 18 और 19 अप्रैल को सुबह 6:30 बजे से रामलला के दर्शन हो सकेंगे। इस बीच 16, 17, 18 और 19 अप्रैल को वीआईपी पास और वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी गई है। ऐसे में सभी राम भक्तों को रामलला के दर्शन के लिए लाइन में लगना होगा।
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