India News (इंडिया न्यूज़), Rishikesh-Gangotri Highway: हरिद्वार के शिवालिक पर्वत की पहाड़ियां तेजी से दरक रही है। इन पहाड़ियों के ट्रीटमेंट को लेकर विशेषज्ञों की टीम आज हरिद्वार पहुंची और प्रशासन के अधिकारियों के साथ हिल बाईपास मार्ग का निरीक्षण किया।
#WATCH | Uttarakhand: Traffic on the Rishikesh-Gangotri highway has come to a standstill due to heavy rock debris falling near Dharasu. Several commuters are stuck on both sides of the road: Uttarkashi District Police pic.twitter.com/eR6Pso1424
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 26, 2023
विशेषज्ञों की टीम में उत्तराखंड लैंडस्लाइड मिटीगेशन एंड मैनेजमेंट सेंटर के निदेशक शांतनु सरकार के साथ उत्तराखंड स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के अधिकारी मौजूद रहे। टीम ने दरकी हुई पहाड़ियों और लैंड स्लाइड का बारीकी से निरीक्षण किया। शांतुन सरकार ने बताया कि लैंड स्लाइड की फर्स्ट इनफॉर्मेशन इकट्ठा की जा रही है। साइट का डिटेल्ड सर्वे कराया जाएगा। जहां भी भूधासव हुआ है वहां रिटेनिंग वॉल और ठोस मिट्टी से ट्रीटमेंट किया जा सकता है हालाकि सर्वे रिपोर्ट के बाद ही ट्रीटमेंट के बारे में बताया जा सकता है।
वहीं, उत्तरकाशी जिला पुलिस ने बताया कि धरासू के पास भारी चट्टानी मलबा गिरने से ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर यातायात ठप हो गया है। कई यात्री सड़क के दोनों ओर फंसे हुए हैं। जिसको लेकर आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गई है। साथ ही पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार फंसे लोगों को लेकर काम किया जा रहा है।
Uttarakhand | Road near Nandprayag on the Badrinath National Highway blocked due to debris: Chamoli Police
(Video Source: Chamoli Police Uttarakhand) pic.twitter.com/3B69XCJ0WS
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 26, 2023
उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने बताया कि भारी बारिश के कारण जगह-जगह मलबा गिरने से गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए बंद कर दिए गए हैं। गंगोत्री हाईवे बंदरकोट समेत चार स्थानों पर आवाजाही के लिए ठप हो गया है। यमुनोत्री राजमार्ग सिल्क्यारा और अन्य स्थानों पर अवरुद्ध है। इसके साथ ही बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर नंदप्रयाग के पास सड़क मलबे के कारण अवरुद्ध है।
वहीं, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल ने बताया कि उत्तरकाशी जिले के नौगांव ब्लॉक में सरनौल गांव के नीचे भारी भूस्खलन के कारण आवासीय भवन खतरे में हैं। गांव के नीचे से हो रहे भूस्खलन के कारण कुछ घरों में दरारें आ गई हैं। भूस्खलन की जद में आने वाले गांव का भूगर्भिक सर्वेक्षण कराने की कार्रवाई की जाएगी।