INDIA NEWS (इंडिया न्यूज़ ) same-sex marriage वृंदावन : समलैंगिक विवाह (same-sex marriage) को मान्यता देने के लिए सर्वाेच्च न्यायालय में दायर एक याचिका को निपटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा की जा रही जल्दबाजी को लेकर धर्म नगरी वृंदावन के संतों एवं धर्माचार्यों में आक्रोश व्याप्त है।
शुक्रवार को विश्व हिंदू परिषद द्वारा रुकमणी बिहार स्थित गोकुल धाम आश्रम में आयोजित प्रेसवार्ता में ब्रज के संतों एवं कथावाचकों ने समलैंगिक विवाह को मान्यता देने सम्बन्धी याचिका को निपटाने के लिए सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा की जा रही जल्दबाजी पर विरोध जताया।
उन्होंने इसे भारत की संस्कृति के लिए घातक बताते हुए कहा कि इस विषय पर आगे बढ़ने से पहले कोर्ट को धर्मगुरु, चिकित्सा क्षेत्र, समाज विज्ञानियों व शिक्षाविदों की समितियां बनाकर उनकी राय लेनी चाहिए।
साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में विवाह एक पवित्र बंधन है। जिसके लिए हमारे शस्त्रों में प्रक्रिया दी हुई है। उसके विपरीत इस प्रकार के विवाह को मान्यता देना भारतीय संस्कृति की मूल भावना के विपरीत है।
आगे कहा कि वहीं सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा रोजगार के अधिकार, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, आतंकवाद से मुक्ति व मजहबी कट्टरता से मुक्ति प्राप्त करने के अधिकार जैसे प्राथमिक विषयों को छोड़कर केवल कुछ लोगों की इच्छा को ध्यान में रखकर इतनी तीव्रता दिखाना गलत है।
उन्होंने सर्वाेच्च न्यायालय से निवेदन किया है कि वे तरह की अपमानजनक टिप्पणी को वापस लें। इस विषय पर आगे बढ़ने से पहले इसके विभिन्न पक्षों तथा उनके परिणामों का गहन अध्ययन करवाएं अन्यथा इस प्रक्रिया का समाज के द्वारा विधिसम्मत ढंग से विरोध किया जाएगा।
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