Shri Ram Janmabhoomi : अयोध्या (Ayodhya) और श्री राम जन्मभूमि (Shri Ram Janmabhoomi) परिसर की सुरक्षा ठीक उसी तरह से महत्वपूर्ण है। जैसे देश की संसद और राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा है।
जिसके प्रति शासन और प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। यह बातें श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने श्री राम जन्म भूमि परिसर की स्थाई सुरक्षा समिति की बैठक की।
जिसके बाद उन्होंने कहा, अयोध्या सरयू तट पर बसी हुई है। इसलिए अयोध्या और श्री राम जन्मभूमि परिसर को लेकर जल, थल और नभ सभी मार्गो की सुरक्षा व्यवस्था का चिंतन सुरक्षा समिति की बैठक में किया जाता है।
उन्होंने आगे कहा इस पर विशेष बल दिया गया है, कि सुरक्षाकर्मियों की संख्या घटे और तकनीकी का अधिकाधिक उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा इस समिति की बैठक में देश और प्रदेश के उच्च सुरक्षा संगठन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
इस पर विचार विमर्श कर एक खाका तैयार किया गया है। जिस पर अंतिम मोहर सभी विभागों के मुख्यालय लगाएंगे। जिसके बाद वह सुरक्षा व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।
प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक सुरक्षा वीके सिंह ने बताया कि राम जन्मभूमि परिसर सहित अयोध्या की वर्तमान सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि भव्य और दिव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है।
आज की बैठक में राम मंदिर निर्माण की प्रगति के तारतम्य में सुरक्षा व्यवस्था को मुकम्मल करने पर विचार विमर्श किया गया। सुरक्षा व्यवस्था में अत्याधुनिक तकनीकी के समावेश पर मंत्रणा की गई।
उन्होंने कहा अयोध्या के तीन प्रमुख मेले हैं। चैत्र रामनवमी, कार्तिक पूर्णिमा और सावन झूला मेला सभी मेलों के लिए एक निर्धारित सुरक्षा योजना है। जो सफलतापूर्वक मेलों को संपन्न कराती आ रही है। अब अयोध्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ रही है।
जिसे केंद्र में रखकर मेलों की सुरक्षा व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जाएगा। श्री राम जन्मभूमि निर्माण कार्यशाला रामघाट के परिसर में ढाई घंटे तक चली बैठक में ट्रस्ट की ओर से सदस्य डॉ अनिल मिश्र प्रदेश और केंद्र के उच्च सुरक्षा पदाधिकारी और गुप्तचर विभाग के लोग भी शामिल हुए।
also read- झोपड़ी में लगी आग, मवेशियों को बचाने के चक्कर में झुलसे मां-बेटे, मौके पर हुई मौत