Strike of Electricity Workers in UP: जिस तरह से पूरे उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल कर दिया है। उसका असर अब धीरे-धीरे आम जनता पर पड़ता दिख रहा है। इसी को देखते हुए उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मियों की हड़ताल को लेकर समाजवादी पार्टी ने हमला किया है। ऊर्जा मंत्री के रासुका लगा देने वाले बयान पर भड़कते हुए सपा नेता सुनील सिंह ने कहा, आप रासुका लगा देंगे, लोकतंत्र तो नहीं मानेंगे, लोकतंत्र में कोई अपनी बात नहीं रख सकता, कोई आंदोलन नहीं कर सकता। इस बार जनता ही इन पर रासुका लगाएगी।
सपा प्रवक्ता व पूर्व एमएलसी सुनील सिंह साजन ने कहा कि बीजेपी जो जो कहती है कि प्रदेश में राम राज्य है उसका सच अब सामने आ रहा है। सरकार के लोग ही सरकार के खिलाफ आ खड़े हुए हैं। सरकारी कर्मचारी अगर सरकार के खिलाफ हैं। उनकी मांग है पुरानी पेंशन बहाल कर दी जाए। सपा लगातार इस बात को कह रही कि पुरानी पेंशन बहाल होनी चाहिए उनका हक अधिकार है। उनके बुढ़ापे का सहारा है। सपा ने चुनाव के समय अपने घोषणापत्र में भी इसे रखा था। वह बोनस चाहते हैं। जो उनकी मांग है सरकार आखिर क्यों नहीं मान लेती?
सुनील सिंह ने कहा कि रासुका लगाने की बात कौन कर रहा है? एके शर्मा कोई नेता या जन नेता नहीं हैं। वो तो अधिकारी रहे हैं, बाबू रहे हैं, यह भाषा सरकारी बाबुओं की है। किसी नेता के कृपा मात्र से वो ऊर्जा मंत्री हो गए हैं। क्या किसी नेता की ये भाषा होनी चाहिए? आप रासुका लगा देंगे, लोकतंत्र को नहीं मानेंगे, लोकतंत्र में कोई अपनी बात नहीं रख सकता, कोई आंदोलन नहीं कर सकता। सच में रासुका बीजेपी पर जनता लगाने जा रही है। अबकी तो यह 15 साल में वापस आए थे लेकिन इस बार जब जनता रासुका लगाएगी तो 25 साल जनता इनकी जमानत नहीं होने देगी।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल पर हैं। गुरुवार रात से पूरे राज्य में कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मचारियों ने कहा है कि अगर हमारे किसी कर्मचारी पर एक्शन लिया गया तो वे अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे। वहीं, ऊर्जा मंत्री शर्मा ने अपने बयान में कहा कि अत्यावश्यक सेवाओं में शामिल विद्युत व्यवस्था में किसी भी प्रकार का व्यवधान डालने पर एस्मा के तहत एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास में रुकावट पैदा करनेवाले और लोगों की सुविधाओं में अड़चनें पैदा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। आंदोलन करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि जो समझौता हुआ था। उसे लागू भी करना चाहिए। अगर समझौते का पालन नहीं होगा तो प्रश्नचिन्ह खड़ा होगा। हमारी नाराजगी किसी से भी नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि एक लाख कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे देश के 27 लाख कर्मियों के संगठन भी हमारे समर्थन में आए हैं। पावर कॉरपोरेशन के व्यवहार के कारण हम हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हुए। हम किसी से भी बात करने को तैयार हैं।