UP Crime: खबर उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) के चंदौली(Chandauli) जिले से है। जहां पर जिला एवं सत्र विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) की अदालत ने सात वर्षीय बालक से दुष्कर्म के मामले की सुनवाई करते हुए एक फैसला सुनाया जिसमें पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य और तर्क के आधार पर दो सगे भाईयों को दोषी मानते हुए 20-20 साल की सजा सुनाई। कोर्ट का आदेश आने के बाद पुलिस ने दोनों दोषियों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है। कोर्ट ने दोनों दोषियों पर 15-15 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया है।
विशेष अधिवक्ता पॉक्सो शमशेर बहादुर सिंह ने बताया कि वर्ष 2017 में चकिया थाना क्षेत्र के एक बालक की मां ने पुलिस के पास मुकदमा दर्ज कराया था। जिसने आरोप लगाते हुए कहा था कि उसके पुत्र के साथ दो लोगों ने दुष्कर्म किया है। बालक को घर में अकेला देख गांव के दरोगा ने बहला फुसलाकर गुजरात के श्याम काठे नामक स्थान ले गया। करीब दो माह बाद जब बालक गुजरात से वापस लौटा तो उसने बताया कि दरोगा और उसका सगा भाई लाखे उसके आंख में मिर्ची पाउडर डालकर उसे प्रताड़ित करते थे और दुष्कर्म जैसी घटना को अंजाम देते थे। इसी मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने दरोगा और लाखे को 20 साल की कारावास का सजा सुनाया है इसके अलावा उन दोनों पर 15-15 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया है।
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