UP News: नामी अपराधियों और नेताओं के निरुद्ध होने के कारण सदैव चर्चा में रहने वाली सीतापुर जेल(Sitapur Jail) एक बार फिर चर्चा में है। हालांकि इस बार चर्चा की वजह कुछ और ही है। यहां एक विचाराधीन बंदी की मौत के मामले ने जेल प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। साथी बंदी की असामयिक मौत से आक्रोशित जेल के कैदी और बंदियों ने भोजन का बहिष्कार कर भूख हड़ताल शुरू कर दी है। इन बंदियों ने जेल प्रशासन(prison administration) की प्रताड़ना को बंदी की मौत का कारण बताया है। प्रकरण की सूचना पाकर डीआईजी जेल ने जिला जेल पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है। दूसरी ओर कारागार राज्य मंत्री सुरेश राही(Minister of State for Prisons Suresh Rahi) ने भी कहा कि जांच में दोषी पाये जाने वाले पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी भले ही वह कितनी पहुंच वाला क्यों न हो।
जिला कारागार में अप्रैल 2020 से निरुद्ध मिश्रित के रन्नुपुर निवासी बबलू सिंह पुत्र उमेश पर नाबालिग लड़की से गैंगरेप का आरोप लगा था। जिसके बाद पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था। मृतक की मां के मुताबिक बृहस्पतिवार को वह अपने बेटे बबलू से पेशी के दौरान मिली थी तो वह पूरी तरह से स्वस्थ था। अचानक पेट में दर्द की शिकायत के बाद उसे शुक्रवार की दोपहर जिला अस्पताल में उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। विचाराधीन बंदी बबलू की मौत की कहानी परिवार वालों के गले नहीं उतर रही। उन्होंने जेल प्रशासन पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा भी काटा। मृतक की माँ ने तो जेल प्रशासन व डॉक्टरो पर उसकी हत्या करने का आरोप तक लगा डाला। उसके बाद बदलते हुए घटनाक्रम में अचानक बीती देर शाम कैदियों ने जेल में तैनात फार्मासिस्ट की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए जेल में हंगामा काटा और भूख हड़ताल कर दी।
कैदियों की भूख हड़ताल की सूचना जिला प्रशासन को लगते ही जेल प्रशासन सहित जिला प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। देर रात तक जिले के पुलिस और प्रशासन के अफसरों ने जिला कारागार पहुंचकर कैदियों की मान मनौव्वल शुरू की। तकरीबन 4 घंटे तक जेल के भीतर रहने के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी बाहर आए और मामले पर चुप्पी तोड़ी। जेल से बाहर आने के बाद अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी नरेंद्र प्रताप सिंह ने मीडिया को बताया कि साथी बंदी की मौत से दुःखी कुछ कैदियों ने उपवास रख लिया था और फार्मासिस्ट के खिलाफ नाराजगी जताई थी जिसको लेकर उनसे बातचीत की गई है। आज़ सुबह अपनी पेशी पर न्यायालय जाने वाले बंदियों ने पुलिस वैन के भीतर से ही चीख चीख कर मीडिया को बताया कि जेल में कैदियों और बंदियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। उनसे अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। डिप्टी जेलर विजयलक्ष्मी पर भी उन्होंने गंभीर आरोप मढ़े और फार्मासिस्ट शैलेन्द्र को भी लपेटे में लिया।
आज इस मामले की जानकारी मिलने के बाद डीआईजी जेल ए.के सिंह(DIG Jail AK Singh) ने यहां आकर कई घण्टे तक मामले की विस्तार से जांच की। उन्होंने जेल के भीतर कैदियों और विचाराधीन बंदियों के बयान दर्ज किये। उन्होंने बताया कि वह अपनी जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपेंगे। उधर अपने गृह जनपद की जेल में इस गम्भीर प्रकरण की जानकारी मिलने के बाद कारागार राज्य मंत्री सुरेश राही ने भी इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रकरण की जांच डीआईजी स्तर से हो रही है। मामले की जांच रिपोर्ट के आधार पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। दोषी चाहे कितनी पहुंच वाला क्यो न हो उसे किसी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा।