UP News: उत्तर प्रदेश में निषाद आरक्षण को लेकर 7 जून 2015 को हुए कसरवल कांड में आरोपी यूपी सरकार(UP government) के कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद (Sanjay Nishad) सोमवार को एमपी-एमएलए कोर्ट (MP MLA Court) में पेश हुए। लेकिन सिविल कोर्ट में अधिवक्ताओं की हड़ताल के कारण कोर्ट ने 5 अप्रैल की तारीख लगाई है। इस दौरान संजय निषाद ने पत्रकारों से बात करते हुए आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसाया है। उन्हें कोर्ट पर भरोसा है।
निषाद पार्टी(Nishad Party) के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने कहा कि वे लोग राजनीति जनता की सेवा करने के लिए करते हैं। वे बाबा साहब अंबेडकर(Baba Saheb Ambedkar) के बनाए संविधान में पूरा विश्वास करते हैं। पिछली सरकार ने उनके ऊपर झूठे मुकदमें लगाकर उन्हें किसी तरह से फर्जी मुकदमें में फंसाया है। उन्हें न्यायालय और उसकी न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा पिछली सरकार में उन्हें प्रताड़ित किया गया। बेकसूर निषादों को पीटा गया। 37 लोगों पर फर्जी केस किया गया। उन्हें भरोसा है कि उन्हें जरूर न्याय मिलेगा। क्योंकि वे गरीबों, शोषितों और समाज के निचले तबके के लोगों के लिए ही लड़ाई लड़ रहे हैं। बता दें कि कसरवल कांड(Kasarwal scandal) में 12 अक्टूबर 2022 को यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री एमएलसी डा. संजय निषाद पर स्टेट बनाम डा. संजय निषाद के मामले में हत्या समेत अन्य धाराओं में आरोप तय हो चुका है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 5 अप्रैल यानी बुधवार को होगी।
दरअसल, ये वाकया 7 जून 2015 का है। जब गोरखपुर के सहजनवां थानाक्षेत्र के कसरवल में निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल जो की अब निषाद पार्टी है की ओर से डा. संजय निषाद के नेतृत्व में निषाद आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। इस आंदोलन में इटावा के 21 वर्षीय नवयुवक अखिलेश कुमार निषाद की गोली लगने से मौत हो गई थी। वहीं सुजीत नाम का एक शख्स गोली लगने से घायल हो गया था। इस मामले में पुलिस ने डा. संजय निषाद समेत कुल 37 अन्य लोगों पर केस दर्ज़ कर उन्हें दो केस में आरोपी बनाया गया था। इसके अलावा आरपीएफ(RPF) यानी रेलवे प्रोटेकशन फाॅर्स की तरफ से भी रास्ता बाधित करने का केस दर्ज हुआ।
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