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Up News: उमेश पाल मर्डर के साथ राजू पाल हत्याकांड की जांच में कौशांबी पहुंची CBI की टीम

• LAST UPDATED : March 10, 2023

(CBI team reached Kaushambi in investigation of Raju Pal murder along with Umesh Pal murder): lयूपी (Up) के प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद अब पूर्व विधायक राजू पाल जिसकी 25 जनवरी 2005 को हत्या कर दी गई थी। उसके हत्याकांड की भी अब CBI  ने तेजी से जांच शूरु कर दी है। जहां गुरुवार को सीबीआई के 2 सदस्यीये जांच के लिए मंझनपुर तहसील पंहुचे। वहीं टीम ने तहसील के अभिलेख में माफिया अतीक के शूटर अब्दुल कवी के खानदान की चल अचल संपत्ति का ब्योरा जुटाया,सीबीआई टीम तहसील परिसर में करीब 3 घंटे रही। मंझनपुर माफिया अतीक के शूटर अब्दुल कवि के खिलाफ अब सीबीआई ने सख्त रूख अख्तियार किया है।

वहीं प्रयागराज में राजूपाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद सुर्खियों में आए अब्दुल कवि के घर को पुलिस प्रशासन ने जमींदोज करा दिया था। अब सीबीआई ने राजूपाल हत्याकांड में भगोड़े अब्दुल कवि के यहां फिर दस्तक दें दी। वहीं अब टीम ने उसके घर और चायल तहसील मे जाकर उसकी संपत्ति से जुड़े कागजों की पड़ताल की।

अब्दुल कवि के घर पर बुलडोजर चलवाया

बता दें की पिछले दिनों प्रयागराज में राजूपाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की शूटरों ने गोली मार कर हत्या कर दी। घटना में उमेश के साथ रहे दो सरकारी गनर भी मारे गए थे। जहां अब इस मामले में भी अब्दुल कवि का नाम सामने आया हैं। इससे पहले पुलिस को सूचना मिली कि उमेश पाल की हत्या के बाद अब्दुल कवि के यहां शूटर पनाह लिए है और इस पर पुलिस ने पिछले दिनों दबिश दी। हालांकि अब्दुल कवि के यहां से न तो वह पकड़ा गया और न ही कोई शूटर। वहीं पुलिस ने घर की दीवारों में छिपाकर रखे गए असलहों की सूचना म घर को बुलडोजर चलवाकर जमींदोज किया।

दिल्ली से 2 अफसर जांच के लिए पहुचे

प्रयागराज के सुलेम सराय इलाके में 18 साल पहले हुए पूर्व बसपा विधायक राजू पाल के हत्याकांड का रहस्य खोलने में जुटी CBI की जांच अब बहुत तेजी पकड़ चूकी है। दिल्ली से आये 2 अफसर तहसीलदार भूपाल सिंह के चेंबर में करीब ढाई घंटे बैठे रहे। तहसील सूत्रों के मुताबिक माफिया अतीक के शूटर रहे अब्दुल कवी के बारे में कई सवाल किये गए।

जानकारी जांच एजेंसी को क्यों नहीं दी गई

जिसमे प्रमुख रूप से था कि अब्दुल कवी के पुश्तैनी मकान को गिराए जाने के प्रक्रिया की जानकारी जांच एजेंसी को क्यों नहीं दी गई। इसके साथ ही शूटर अब्दुल कवी के खानदान की चल-अचल संपत्ति के राजस्व अभिलेख जुटाए गए। CBI जांच दल ने तहसील का अभिलेखागार देखा। एसडीएम मंझनपुर से जमालपुर भखंदा एवं रकसराई गांव के भू-अभिलेख का ब्लू प्रिंट लिया गया। जिसमे शूटर अब्दुल कवी के पिता अब्दुल गनी बाबा, अब्दुल अजीज, समेत पत्नी कनीज फातिमा, भाई अब्दुल वली, उसकी पत्नी फैजिया बानो, भाई अब्दुल कदीर, उसकी पत्नी बुशरा, भाई अब्दुल मुगनी उसकी पत्नी शाहीन बानो का कागजात लिया गया है। जहां सीबीआई ने अब राजू पाल हत्याकांड के बाद 2005 से लेकर अब तक खरीद फरोख्त का दस्तावेज की छाया प्रति कब्जे में ली।

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