INDIA NEWS (इंडिया न्यूज़),बागपत: आचार्य दीपांकर ने कहा कि वे सरकार को जातिगत जनगणना का झुनझुना नहीं बजाने देंगे। जातिगत जनगणना ही सनातन धर्म के पतन का कारण है। उन्होंने कहा कि भिक्षा यात्रा का उद्देश्य जातियों में बंटे सनातन को एक करना है। 152 दिनों से भिक्षा यात्रा की अगुवाई कर रहे आचार्य दीपंकर ने सरकारों को चेतावनी दी जब तक भिक्षा यात्रा है। तब तक सरकारों को जातिगत जनगणना के झुनझुना नहीं बजाने दिया जाएगा।
दरअसल, वे अपनी भिक्षा यात्रा के 152वें दिन एक बार फिर से बागपत पहुँचे थे। बड़ौत में पत्रकारों से रूबरू होते हुए उन्होंने जातिगत जनगणना को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना कराने वाले ही इस देश के सबसे बड़े दुश्मन हैं। सभी हिन्दुओं से जाति भुलाकर एकजुट होने आवश्यकता है।वरना यह उनके और देश के लिए घातक होगा। उन्होंने कहा कि भिक्षा यात्रा का उद्देश्य जातियों में बंटे सनातन को एक करना है। 152 दिनों से भिक्षा यात्रा की अगुवाई कर रहे आचार्य दीपंकर ने सरकारों को चेतावनी दी जब तक भिक्षा यात्रा है तब तक सरकारों को जातिगत जनगणना के झुनझुना नहीं बजाने दिया जाएगा।
इस यात्रा के माध्यम से लोगों को जागरूक करना है कि जातियों में न बंटकर वे अपनी एकजुटता न खोएं। हमारे यहां जब भी किसी से उनके बारे में जानकारी ली जाती है तो वे खुद को हिन्दू न बताकर अपनी जातियां बताने लगे जाते हैं। शास्त्रों में भी वर्णों का वर्णन है ना कि जाति का। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण पर अब से 20 वर्ष पहले हो ही काम हो जाना चाहिये था और यह बेहद आवश्यक है। आज हम चीन से आगे निकल चुके हैं।