India News (इंडिया न्यूज़) UP News अयोध्या : रामनगरी में स्थित मोक्षदाययनी सरयू नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। सरयू का जलस्तर खतरे के निशान को पार करते हुए 49 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है।
इसके कारण अयोध्या जनपद को गोंडा से जोड़ने वाला ढेमवा पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है।
बाढ़ के विकराल स्वरूप में संपूर्ण मार्ग को ही खत्म कर दिया। तेज बहाव के कारण धुआ पुल के साथ आगे संपूर्ण मार्ग ही पानी के साथ बह गया है। अयोध्या जनपद को गोंडा से जोड़ने वाला 2015 में निर्माण की गई पुल की सड़क पूर्ण रूप से कटान के कारण खत्म हो गई है।
जिसमें लगभग 500 से ज्यादा गांव जलमग्न है। इस दरमियान लोगों को बड़ी असुविधा का सामना भी करना पड़ रहा है। सरयू नदी के आसपास के गांव में सरयू के जल ने तबाही मचा रखी है।
इंसान हो जानवर हो हर कोई बाढ़ के विभत्स रूप में फंसा हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जलस्तर बढ़ने के बाद निकलने का मौका ही नहीं। अयोध्या और गोंडा के जनपद में मिलाकर लगभग 500 से ज्यादा गांव ऐसे हैं। जो इस बाढ़ की चपेट में है।
वहां पर आम जनमानस बुजुर्ग और बच्चों के साथ-साथ मवेशी भी बाढ़ में फंसे हैं । वहीं प्रशासनिक इंतजाम की बात करें तो प्रशासनिक इंतजाम बद से बदतर है। विकराल रूप के बावजूद कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति अभी तक बाढ़ क्षेत्र के आसपास नहीं पहुंचा है।
सरयू का जलस्तर अभी फिलहाल स्थिर है और खतरे के निशान से 49 सेंटीमीटर ऊपर पहुंचा हुआ है। लेकिन पूर्वानुमान जो लगाया जा रहा है। वह अगले दो दिनों में फिर से सरयू का जलस्तर तेजी के साथ बढ़ेगा क्योंकि आज वह बैराजों से फिर पानी छोड़ा गया है।
बाढ़ क्षेत्र में फंसे हुए ग्रामीण नाव के सहारे अपनी जीविका के जद्दोजहद से जूझते नजर आ रहे हैं। कोई खाने की व्यवस्था करके घर जा रहा है तो कोई अनाज और खाने की वस्तुओं को सुरक्षित सूखे स्थान पर पहुंचा रहा है। साधन स्थानीय लोगों के पास उनकी अपनी निजी ना में हैं।
इसके अलावा प्रशासनिक इंतजाम के नाम पर केवल वाहवाही है। दूर-दूर तक प्रशासन का कोई भी बंदा ढेमुआ पुल के कटने के बाद से उस स्थान पर नजर नहीं आया। जबकि 500 से ज्यादा गाँव फंसे हुए हैं।
जिसमें कुछ तो अयोध्या जनपद की सीमा में है तो कुछ पड़ोसी जनपद गोंडा की सीमा में है। लेकिन 3 से 4 किलोमीटर सहयोग के जलधारा के अंदर जिंदगी के जद्दोजहद और प्राकृतिक से लड़ाई निरंतर जारी है।