(Stray animals on the streets even after the deadline): UP NEWS: समय सीमा समाप्त, फिर भी सडको से नहीं हेट आवारा पशु।
दरअसल गोरखपुर हो या फिर प्रदेश का कोई भी जिला आवारा पशुओ के झुण्ड से बचा नहीं है। हर दिन इनके झुण्ड का शिकार आम लोग होने को मजबूर है। जबकि इसको लेकर यूपी सरकार ने बकायद इसके लिए एज्नेसी को भी नामित किया था, लेकिन एजेंसी को दिए गए समय सीमा समाप्त होने के बाद भी सडको पर दब्द्स्तुर आवारा पशुओ का डर कायम है।
सीएम योगी के शहर गोरखपुर के सडक पर अभी भी आवारा पशुओ के झुण्ड का शिल्सिला जारी है। हर मोड़ गलियों चौराहों पर आपको एक नही दो नहीं बल्कि दर्जनों की संख्या में आवारा पशु आपको नजर आ जायेंगे। जिसको लेकर हर दिन आम लोगो को इस परेशानी से दो चार होना पड़ता है, जबकि इसको लेकर आवारा पशुओं को संरक्षित करने के लिए जिले में कान्हा गोशाला और चार कांजी हाउस का निर्माण कराया गया है।
जिला पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका के साथ ही ग्राम पंचायतों में बने गो संरक्षण केंद्रों में पशु चिकित्सकों को उनकी देखभाल की जिम्मेदारी दी गई है और बकायद लाखो का बजट भी इसको लेकर दिया जाता है, फिर भी इसके बावजूद शहर की सड़कों, चौराहों व बाजारों से लेकर गांव में खेत खलिहानों में आवारा मवेशी खुले घूम रहे हैं। इनको हर हाल में 31 मार्च तक संरक्षित करने का निर्देश शासन ने जिम्मेदारों को दिया था, लेकिन समय सीमा के भीतर इन्हें संरक्षित नहीं किया जा सका।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी जताते हुए संबंधित अधिकारियों को पांच अप्रैल तक की मोहलत दी थी, लेकिन वो भी समय सीमा समाप्त हो गई। अब देखना यह है, अधिकारी इसको लेकर क्या कदम उठाते है, लेकिन इसको लेकर ग्राउंड पर पहुच कर इसका जायजा लिया हमारे इंडिया न्यूज़ संवाददाता।
आवारा पशुओ को लेकर सरकार ने पहले ही सभी की जिम्मेदारी तय कर दिया था और साथ ही एक एजेंसी को भी नामित किया था। इन गौऊ वंश को संरक्षित करने के लिए बकायदा इन सभी आवारा पशुओ को पकड़ कर उन्हें कान्हा उपवन या गौऊ संरक्ष्ण केंद्र तक ले जाने के लिए लेकिन समय सीमा समाप्त होने के बाद भी दर्जनों की संख्या में सडको पर आवारा पशु नजर आते है। जिसको लेकर सीएम योगी ने नाराजगी जाहरी करते हुए सभी की जिम्मेदार ठहराया है।
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