India News (इंडिया न्यूज़ ) UP Nikay Chunav Equation 2023 लखनऊ : इस साल निकाय चुनाव में बहुत सरे उतर चढ़ाव देखने को मिला है। सपा के गढ़ रामपुर की स्वार विधानसभा से आजम खान के बेटे को हराकर उपचुनाव भाजपा के सहयोगी दल ने जीता।
दरअसाल, सपा के गढ़ रामपुर की स्वार विधानसभा से आजम खान के बेटे को हराकर उपचुनाव भाजपा के सहयोगी दल ने जीता। वही, मेरठ और अलीगढ़ से मेयर का पद छीन कर भाजपा ने अपने खाते में डाला।
भाजपा अपने इतिहास में पहली बार उत्तर प्रदेश की सभी मेयर की 17 सीटें अपने नाम की।
इसके पहले उत्तर प्रदेश में 16 सीट मेयर की हुआ करती थी लेकिन इस बार शाहजहांपुर नई सीट भी जुट गयी है। समाजवादी पार्टी के खाते में एक भी सीट में महापौर की नहीं गई और पिछले चुनाव में भी सपा का खाता नहीं खुला था। इस बार न्याकय चुनाव में भाजपा के 5 मुस्लिम नगर पंचायत अध्यक्ष चुनकर आए। इसके साथ ही 544 में से भाजपा ने 191 पंचायत अध्यक्ष जीते।
199 में से नगर पालिका अध्यक्ष के 89 सीटों पर भाजपा का दबदबा रहा। उन सीटों को सरकार के कई मंत्री नहीं बचा पाए। साख, नगर विकास मंत्री अरविंद कुमार, धर्मपाल सिंह, दिनेश सिंह, मनकेश्वर शरण सिंह, समेत कई मंत्रियों का बुरा हाल रहा। वही, प्रयागराज में नंद गोपाल गुप्ता नंदी एवं पूर्व मेयर अभिलाषा गुप्ता अपने वार्ड को नहीं बचा पाए।
प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के जिले मुरादाबाद में खिला कमल रहा अच्छा परिणाम। इस चुनाव में ओवरऑल निर्दलीय पर भी जनता ने भरोसा किया, कुल 33% से ज्यादा मत निर्दलीय उम्मीदवारों को मिले।
इसके पहले भाजपा के 14 महापौर ही चुनकर आए थे, वहीं नगर पालिका परिषद अध्यक्ष 70, नगर पंचायत अध्यक्ष में 100 जीत कर आए थे। नगर निगम में 48000 मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया। समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल सिंह यादव रामगोपाल यादव के वादों से सपा प्रत्याशी हारे। सपा के दोनों राष्ट्रीय महासचिव के वादों से निर्दलीय प्रत्याशी जीते।
दलित मुस्लिम गठजोड़ से बसपा को कोई फायदा नहीं हुआ। बसपा का 2017 से बुरा प्रदर्शन रहा लेकिन 2023 में बसपा पहली बार दूसरे नंबर पर थी। उत्तर प्रदेश में अब ट्रिपल इंजन की सरकार बन गयी है। निकाय चुनाव में साड़ी के मंसूबों पर फिरा झाड़ू ओमप्रकाश राजभर की किरकिरी हुई । आम आदमी पार्टी का खुला खाता यूपी में तो वहीं ओवैसी की पार्टी को भी फायदा मिला।
बात अगर कांग्रेस की करे तो 13 नगर पंचायतों और 4 नगर पालिकाओं में अध्यक्ष बने। कांग्रेस के महापौर की रेस में सिर्फ 15 उम्मीदवार ही बचा पाए जमानत 164 की जमानत जप्त।
सपा ने महापौर की आधी सीटों पर भाजपा को कड़ी चुनौती दी। नगर पंचायतों में भाजपा को 12% से ज्यादा की बढ़त मिली। सहारनपुर के देवबंद नगर पालिका (Deoband Nagar Palika) के चुनाव में बीजेपी कैंडिडेट विपिन गर्ग ने आजादी के बाद पहली बार कमल खिला दिया।