India News(इंडिया न्यूज़),बस्ती: जिले में निकाय चुनाव को लेकर सारी पार्टियों ने कमर कस लिया है। आज सपा, बसपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया। सबसे दिलचस्प मुकाबला इस समय बस्ती नगर पालिका और हरैया नगर पंचायत में देखने को मिल रहा है। जहां पर 20 साल के कांग्रेसी नेता सपा का दामन थाम चुके हैं तो कहीं 15 साल के पुराने सपाई बसपा के हाथी पर सवार हो गए हैं। कुर्सी की चाहत में नेताजी दल बदल कर चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं और खुद की जीत का दावा कर रहे हैं।
पहले हम आपको बस्ती नगर पालिका सीट का संकट समझाते हैं। इस सीट पर पिछले 2017 के नगर पालिका के चुनाव में कांग्रेस के 19 साल पुराने नेता अंकुर वर्मा की पत्नी नेहा वर्मा महज 2029 वोट से बीजेपी की रूपम मिश्रा से हार गई थी तो इस बार वह कांग्रेस का दामन छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गई है और सपा के सिंबल पर चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं। सपा नेता अंकुर वर्मा की छवि को लेकर कहा जाता है कि वे बेहद सरल और सीधे स्वभाव के हैं। जिसका फायदा इस बार उन्हें जरूर मिलेगा।
अंकुर वर्मा का राजनीतिक सफर काफी संघर्षों से भरा रहा है, कांग्रेस में लंबा वक्त बिताने के बावजूद किसी मुकाम पर वे नही पहुंच सके। जिस वजह से इस बार नगर पालिका की जनता उन्हें बेचारा से जोड़ कर देख रही है। मगर ये तो आने वाले 11 मई को ही साफ हो सकेगा कि असल में जनता के दिलो में कौन अपनी जगह बना पाया है। वहीं समाजवादी पार्टी के चुनाव प्रभारी और जिला अध्यक्ष दोनों ने दावा किया कि पिछले 2 कार्यकाल से बीजेपी का नगरपालिका पर कब्जा रहा है मगर उन्होंने कोई काम नहीं किया। उन्होंने पूरे शहर को कूड़ा कर दिया इसलिए अगर उनकी पार्टी का कैंडिडेट अध्यक्ष पद के लिए चुना जाता है तो वह शहर के विकास पर विशेष जोर देकर काम करेंगे।
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