India News (इंडिया न्यूज़), UP Politics 2023 उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव 2023 संपन्न हुआ। चुनाव में भाजपा के हाथों भारी सफलता लगी, प्रदेश के सभी निगमों में भाजपा के 17 मेयर चुनकर आए। भाजपा ने 89 नगर पालिका अध्यक्ष 44 प्रतिशत मतों के साथ जीते। वहीं 191 नगर पंचायत जीतते हुए 35% मत हासिल किया।
सपा 35, बसपा 16, कांग्रेस 4, राष्ट्रीय लोकदल 7, आप 3, ऑल इंडिया मजलिस 3 जीते।
सपा 79, राष्ट्रीय लोकदल 7, राष्ट्रीय जनता दल 3, कांग्रेस 14, बसपा 37, आप 6।
भाजपा- 2017-35% 2023-49%,SP+ 2017-23% 2023 -34%,बसपा- 2017-15% 2023 -10%,कांग्रेस- 2017-4% 2023-3%,अन्य- 2017-23% 2023-4%
भाजपा- 2017 23% 2023- 38%,सपा+ 2017 19% 2023-34%,बसपा- 2017 10% 2023-9%,कांग्रेस- 2017 4% 2023-8%,अन्य- 2017 44% 2023-11%
2017 में 14 मेयर भजपा ने जीते थे। जीत का प्रतिशत 87.5 था। नगर निगम में 597 पार्षद जीते थे। जीत का प्रतिशत 45.2 था। नगर पालिका अध्यक्ष 70 जीते थे। जीत का प्रतिशत 35.35 था। नगर पालिका परिषद 923 जीते थे। जीत का प्रतिशत 17.54 था। नगर पंचायत अध्यक्ष 100 जीते। जीत का प्रतिशत 22.83 था। नगर पंचायत सदस्य पद पर 664 जीते, जीत का प्रतिशत 12.22 था।
17 नगर निगम में मेयर की सीट जीती। जीत का प्रतिशत 100 फीसदी। 813 पार्षद नगर निगम में जीते। जीत का परसेंट 57.25 फीसदी 89 नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद पर जीते।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) सिर्फ बलिया की रतसड़ नगर पंचायत अध्यक्ष की ही सीट जीत पाई। हालांकि पार्टी ने 7 नगर निगम में मेयर और नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत के अध्यक्ष के 200 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन जीत सिर्फ एक ही नगर पंचायत सीट पर मिली है। जबकि 12 नगर पंचायत में दूसरे स्थान पर रही है।
आम आदमी पार्टी (आप) ने पहली बार निकाय चुनाव में अपना खाता खोलते हुए रामनगर, स्योहर (बिजनौर) और खैर (अलीगढ़) नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के अलावा 7 नगर पंचायत अध्यक्ष की सीटों पर जीत दर्ज की है। इसके अलावा गाजियाबाद, कानपुर, अयोध्या और झांसी नगर निगम समेत कई निकायों में बड़ी संख्या में पार्टी द्वारा उतारे गए पार्षद भी चुनाव जीते हैं।
निकाय चुनाव में पहली बार उतरे आजाद समाज पार्टी (आसपा) ने मेयर या अध्यक्ष के पद पर चुनाव नहीं लड़ा था, लेकिन मथुरा, सहारनपुर नगर निगम समेत कई निकायों में पार्षद के पदों पर उम्मीदवार उतारे थे। आसपा के दो दर्जन से अधिक पार्षदों ने चुनाव जीतकर निकाय चुनाव में खाता खोला है।
निकाय चुनाव में अपना दल (एस) को समझौते में कुल चार सीटें मिली थीं। इनमें दो नगर पालिका परिषद और दो नगर पंचायतें शामिल हैं। इनमें से पार्टी ने स्वार (रामपुर) नगर पालिका परिषद और मंधाता (प्रतापगढ़) नगर पंचायत में अध्यक्ष की सीट पर जीत दर्ज की है। जबकि मऊरानीपुर (झांसी) नगर पालिका परिषद और कटरा गुलाब सिंह (प्रतापगढ़) सीट पर पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा है। पार्टी ने पार्षद सीट पर चुनाव नहीं लड़ाया था।
इस चुनाव में भले ही एक भी महापौर निर्दलीय न जीत पाया हो पर अन्य पदों पर निर्दलियों ने खूब जीत की पताका फहराई। पार्षद पद पर 206 निर्दलीय जीत गए। 40 नगर पालिका अध्यक्ष तथा 3081 नगर पलिका परिषद सदस्य निर्दलीय जीते। इसी तरह से 191 नगर पंचायत अध्यक्ष निर्दलीयजीते और 4752 नगर पंचायत सदस्य निर्दलीय सब पर भारी पड़े। पिछले चुनाव में नगर पालिका अध्यक्ष 43, नगर पंचायत अध्यक्ष 182 था 181 सदस्य निर्दलीय जीते थे।
खास यह कि 2017 के चुनाव में लड़ाई से बाहर रही राष्ट्रीय लोक दल और आम आदमी पार्टी ने 2023 में पालिका परिषद अध्यक्ष के चुनाव में भी अपना खाता खोला। वहीं इस बार राष्ट्रीय लोक दल ने सात, आप ने तीन, आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लमीन ने तीन जबकि अपना दल सोनेलाल ने एक पालिका परिषद अध्यक्ष का चुनाव जीता।
नगर निकाय चुनाव में भाजपा के पांच मुस्लिम प्रत्याशी नगर पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। भाजपा ने नगर निकाय चुनाव में 395 मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया जिसमें पांच मुस्लिम प्रत्याशी नगर पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं।
31.22% भाजपा,14% सपा, 8.81% बसपा, 4.9% कांग्रेस,1.63% आप,1.62% एआईएमआईएम, 1.40%, राष्ट्रीय लोकदल, 0.42% आजाद समाज पार्टी, 0.19% सुहेलदेव पार्टी, 0.07% अपना दल एस, 0.06% राष्ट्रीय जनता दल, 0.06% पीस पार्टी, 0.05% निषाद पार्टी, 0.05% जनसत्ता दल, 33.75% निर्दलीय की संख्या प्रभावित करती है।
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