UP Politics : जयंत चौधरी ने फिर चला दांव, बढ़ी मुश्किल में फसे अखिलेश यादव, जानिए पूरा समीकरण

India News (इंडिया न्यूज़) Chandramani Shukla, UP Politics Lucknow : UP Politics सपा और आरएलडी गठबंधन को लेकर यूपी में चर्चाओं का बाजार गर्म है। आए दिन ऐसा कुछ होता है जिससे प्रतीत होती है कि अब ये गठबंधन ज्यादा दिन नहीं चल पाएगा।

हालांकि यूपी विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान दोनों दलों के नेता एक साथ नज़र आ रहे है लेकिन जब I.N.D.I.A. गठबंधन की पहली परीक्षा के दौरान सोमवार को जब राज्यसभा में राष्ट्रीय लोकदल के नेता और समाजवादी पार्टी के कोटे से राज्यसभा जयंत चौधरी नहीं पहुंचे तो यूपी की सियासत में संभावनाओं के बादल मंडराते हुए देखे गए।

बढ़ रहा सपा और आरएलडी का आपसी मनमुटाव

हालांकि, जयंत चौधरी के राज्यसभा में ना पहुंचने को लेकर पार्टी के प्रवक्ता अनिल दुबे सफाई देते हुए कहा कि जयंत चौधरी की पत्नी की सेहत खराब होने के चलते वो राज्यसभा में नहीं पहुंच सके। इसलिए इसे किसी भी दूसरे सियासी नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। अब इस बयान के बाद भले ही अभी कुछ समय के लिए राजनीतिक चर्चाओं में विराम लगाने का प्रयास किया जा रहा हो लेकिन राजनीतिक जानकर इसे दूसरे नजरिए से देख रहे हैं।

उनका मानना है कि वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश में जो चल रहा है वो आरएलडी की ओर से लोकसभा चुनाव के दृष्टिकोण से अपनी अहमियत दिखाने की कोशिश हो सकती है। यूपी निकाय चुनाव के समय से ही सपा और आरएलडी का आपसी मनमुटाव देखा जा रहा है। जहां इस चुनाव में दोनों दल के प्रत्याशी एक दूसरे के सामने मैदान में नजर आए तो वहीं उसके बाद जब विपक्षी दलों की पटना में बैठक हुई तब जयंत चौधरी वहां नहीं पहुंचे।

उसके भी कई अलग अलग मायने निकाले गए लेकिन जब कर्नाटक के बेंगलुरु में कांग्रेस के आमंत्रण पर बैठक बुलाई गई तो अखिलेश यादव के साथ जयंत चौधरी वहां पहुंचे। मतलब साफ था कि कांग्रेस के साथ होने पर ही जयंत चौधरी अखिलेश यादव के साथ गठबंधन में रहेंगे। लेकिन जब राज्यसभा में इंडिया गठबंधन की परीक्षा का समय आया तब जयंत चौधरी वहां नजर नहीं आए l

दस से बारह सीटों पर आरएलडी कर रही दावा

दरअसल, उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में दस से बारह सीटों पर आरएलडी दावा कर रही है। जयंत चौधरी कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, अमरोहा, मेरठ, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, फतेहपुर सिकरी, मथुरा और बागपत की सीट को हर हाल में अपने खाते में रखना चाहते हैं। इसको लेकर वो अभी से दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

अगर विपक्ष की तरह से उन्हें उनकी मन मुताबिक सीटें मिलती है तो वो I.N.D.I.A. के साथ रहेंगे लेकिन अगर इधर बात नहीं बनती तो वो भाजपा के लिए भी अपने दरवाजे खुले रखना चाहते है।

सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि जयंत चौधरी और भाजपा शीर्ष नेतृत्व से कई चरणों में इस सिलसिले में बात भी हो चुकी है और जिस तरह से पुर्वांचल को साधने के लिए भाजपा ने सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर को NDA में शामिल कराया है तो पश्चिमी यूपी में आरएलडी को लेकर भी ऐसे ही कयास लगाए जा रहे हैं।

क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा को सबसे ज्यादा नुकसान पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी झेलना पड़ा था। अगर मैनपुरी और रायबरेली की सीट छोड़ दी जाए तो सभी हारी हुई सीटें इन्हीं दोनों क्षेत्रों से हैं ऐसे में पूर्वांचल में राजभर वोटरों को साथ लेने के बाद पश्चिम के जाट वोटरों के लिए भाजपा कुछ सीटों के लिए समझौता भी कर सकती है और इसी को देखते हुए आरएलडी प्रमुख अपनी सियासी अहमियत को बढ़ाने में लगे हुए हैं।

Also Read – एक करोड़ की अफीम के साथ दो तस्कर गिरफ्तार, किसानों से सस्ते दामों पर खरीदते थे अफीम

Anubhaw Mani Tripathi

Recent Posts

CM Yogi: शिक्षा की तरफ बड़ा कदम, यूनिफॉर्म के लिए सरकार की तरफ से मिलेंगे 1200

India News UP (इंडिया न्यूज़), CM Yogi: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा…

4 months ago

UP News: 12 किलोमीटर चलने के बाद ऑटो की सवारियों को दिखा अजगर! मची भगदड़

India News UP (इंडिया न्यूज़), UP News: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में एक चौंकाने…

4 months ago

Allahabad High Court: HC ने खारिज की याचिका, फैसला कांग्रेस के सांसदों के पक्ष में

India News UP (इंडिया न्यूज़), Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांग्रेस पार्टी के 99…

4 months ago

Bahraich News: भेड़ियों का आतंक! मासूम बच्चों की ले ली जान

India News UP (इंडिया न्यूज़), Bahraich News: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भेड़ियों का…

4 months ago