India News (इंडिया न्यूज़) UP Politics मार्तण्ड सिंह , लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सभी सियासी दल 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। मतदाताओं में अपनी पैठ बनाने के लिए आरोप- प्रत्यारोप और विरोध प्रदर्शन के साथ साथ चुनावी कार्यक्रम भी हो रहे हैं।
सभी राजनीतिक दल जीत हासिल करने के लिए जोर लगा रहे है। समाजवादी पार्टी ने भी चुनाव में 80 की 80 सीटों को जीतने के लक्ष्य रखा है। इसी को लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक नई रणनीति तैयार की है।
इस रणनीति के तहत प्रदेश के 24 जिलों में साइकिल यात्रा निकालेगी। इस यात्रा के जरिए सपा जातीय जनगणना जैसे मुद्दों को धार देने का काम करेगी।
उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार को सत्ता से हटाने के लिए समजवादी पार्टी पूरे जोर शोर से तैयारी में जुट गई है। इसी के मद्देनजर सपा 24 जिलों में साइकिल यात्रा निकालने जा रही है। यह यात्रा क्रांति दिवस के मौके पर 9 अगस्त को प्रयागराज से शुरू होगी और प्रदेश के लगभग दो दर्जन जिलों को कवर करेगी।
इस यात्रा की अगुवाई समाजवादी पार्टी के युवा नेता और इलाहाबाद विश्व यूनिवर्सिटी के छात्र नेता अभिषेक यादव करेंगे, जिसमें पार्टी के कई सीनियर नेता भी शामिल होंगे। सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने वरिष्ठ नेताओं को यात्रा का हिस्सा बनने को कहा है।
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नीतियों, विचारों और कार्यों को जन-जन तक पहुंचाना है।
पार्टी ने साइकिल यात्रा को लेकर एक बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि भाजपा पर पीडीए ( पिछड़े दलित, अल्पसंख्यक मुस्लिम) का शोषण और प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए यात्रा में सत्ता के विकल्प के रूप में समाजवादी सरकार की नीतियों, समाजवादी विचारधारा को नौजवान जनता के सामने रखेंगे।
यात्रा में जातिगत जनगणना की मांग, आरक्षण में हो रहे छेड़छाड़ और किसानों के शोषण के मुद्दे को प्रमुखता से रखा जाएगा। यात्रा की शुरुआत देश बचाओ – देश बनाओ के नारे से होगी। इसके लिए पार्टी पूरी सिद्दत से तैयारियां कर रही है।
सपा की साइकिल यात्रा की शुरुआत 9 अगस्त 2023 को प्रयागराज से होगी। यात्रा लगभग दो दर्जन जिलों से होकर गुजरेगी। ये यात्रा कौशाम्बी, चित्रकूट, बांदा, फतेहपुर, रायबरेली, प्रतापगढ़, अमेठी, सुल्तानपुर, अम्बेडकरनगर, फैजाबाद, बस्ती, संत कबीर नगर, गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर श्रावस्ती बहराइच गोंडा,
बाराबंकी और लखनऊ से होकर, यहां के सभी सपा कार्यालयों, सभी विधानसभा सीटों और तहसीलों से होकर गुजरेगी। जहां पर जनता को सपा की नीतियों और विचारों और कामों को बताया जाएगा और लोगों को पार्टी के साथ जोड़ने की कोशिश की जाएगाी।
यात्र के माध्यम से समजवादी पार्टी की एक बार फिर लोकसभा चुनाव के पहले जातिगत जनगणना के मुद्दे से सियासी जमीन की तपिश को बढ़ाने की कोशिश में है। इसको लेकर अखिलेश यादव ने विधानसभा के शीतकालीन अधिवेशन के दौरान सदन में बीजेपी सरकार को खूब घेरा था।
सत्र के दौरान अखिलेश यादव ने जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि भाजपा सबका साथ, सबका विकास का नारा देती है, लेकिन जातीय जनगणना नहीं कराना चाहती है। बिना जातीय जनगणना के बीजेपी का यह नारा अधूरा है।
जब बिहार में जनगणना हो सकती है तो यूपी में क्यों नहीं हो सकती है? यदि सपा की सरकार बनी तो तीन महीने में जातीय जनगणना कराएंगे।
समाजवादी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर पूरी तैयारी कर ली है और बूथ स्तर पर भी पार्टी को मजबूत करने में जुटी हुई है।
सपा यूपी में मिशन 80 के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर पर मजबूत कर रही है। क्योंकि सपा ने साल 2019 के चुनाव में बहुत ही कम सीटों पर जीत हासिल की थी।
साल 2019 के चुनाव में सपा को पांच सीटों पर जीत मिली थी, जिसमें मुरादाबाद से एस टी हसन, रामपुर से आजम खान, संभल से शफीकुर्रहमान, मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव और आजमगढ़ से अखिलेश यादव ने जीत दर्ज की थी।
वहीं लोकसभा चुनाव 2019 के बाद सपा को दो सीटों पर उपचुनाव में हार मिली, जिसमें एक सीट आजमगढ़ की थी जिसे सपा का गढ़ कहा जाता था।
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