India News (इंडिया न्यूज़), Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में कड़ाके की ठंड के बीच सियासी तापमान भी चढ़ता जा रहा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर मायावती के पलटवार ने तापमान को और भी बढ़ा दिया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अखिलेश यादव को बेधड़क बातें करने का आरोप लगाते हुए उन्हें अपने गिरेबान में झांकने की नसीहत दी है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर पोस्ट में लिखा कि अखिलेश यादव और उनकी सरकार की ख़ासकर दलित-विरोधी रही आदतों, नीतियों एवं कार्यशैली आदि से मजबूर सपा प्रमुख द्वारा बीएसपी पर अनर्गल तंज़ कसने सेे पहले उन्हें अपने गिरेबान में भी झांँककर जरूर देख लेना चाहिए कि उनका दामन भाजपा को बढ़ाने व उनसे मेलजोल के मामले में कितना दाग़दार है।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन सपा प्रमुख द्वारा भाजपा को संसदीय चुनाव जीतने से पहले व उपरान्त आशीर्वाद दिए जाने को कौन भुला सकता है। और फिर भाजपा सरकार बनने पर उनके नेतृत्व से सपा नेतृत्व का मिलना-जुलना जनता कैसे भूला सकती है। ऐसे में सपा साम्प्रदायिक ताकतों से लडे़ तो यह उचित होगा।
1. अपनी व अपनी सरकार की ख़ासकर दलित-विरोधी रही आदतों, नीतियों एवं कार्यशैली आदि से मजबूर सपा प्रमुख द्वारा बीएसपी पर अनर्गल तंज़ कसने सेे पहले उन्हें अपने गिरेबान में भी झांँककर जरूर देख लेना चाहिए कि उनका दामन भाजपा को बढ़ाने व उनसे मेलजोल के मामले में कितना दाग़दार है।
— Mayawati (@Mayawati) January 7, 2024
दरअसल, बहुजन समाज पार्टी इंडिया गठबंधन में शामिल होगी या नहीं इसका अभी तक किसी को भी जवाब नहीं मिला है। इसी सिलसिले में अखिलेश यादव से सवाल किया गया था कि क्या मायावती गठबंधन से जुड़ती हैं तो इंडिया गठबंधन को फायदा होगा या नहीं, इस पर उन्होंने कहा कि बाद का भरोसा कौन दिलाएगा।
बता दें कि बसपा और सपा ने यूपी में 2019 का लोकसभा चुनाव गठबंधन में लड़ा था। उनके गठबंधन की तीसरी पार्टी रालोद थी। बीएसपी ने 10 सीटें जीती थीं, जबकि सपा को 5 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं, आरएलडी खाता भी नहीं खोल सकी थी और चुनाव के तुरंत बाद ही मायावती ने गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया था।
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