Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के औरेया(Aurea) जिले में एनटीपीसी(NTPC) ने पहला फ्लोटिंग सोलर प्लांट(First Floating Solar Plant) तालाब के पानी के ऊपर बना कर कीर्तिमान हासिल कर लिया है। इससे पहले यह प्लांट केरल और आंध्र प्रदेश में लगाया गया था लेकिन उत्तर प्रदेश में यह पहली बार लगया गया है। अभी हमने 20 मेगा वाट बिजली का उत्पादन की शुरुआत की है। दो साल पहले इस प्रोजेक्ट को लगाना की पहल शुरू हुई थी। जिस पर एलएनटी कंपनी ने इसे बनाया है और अब यह सोलर प्रोजेक्ट बिजली उत्पादन करने लगा है।
हालांकि 20 मेगावाट का सोलर प्लांट एनटीपीसी में पहले से बिजली उत्पादन कर रहा है लेकिन फ्लोटिंग सोलर के चालू हो जाने से इसकी क्षमता बढ़कर 40 मेगा वाट हो गई है। एनटीपीसी अब इसकी 20 मेगावाट की क्षमता 60 मेगावाट करने के प्रोजेक्ट में लग गई है। एनटीपीसी गैस से पहले ही 670 मेगावाट बिजली पैदा कर रहा था। इस प्रोजेक्ट के बनने के बाद हमलोग खुद बिजली बनाते हैं और इसे पावर ग्रिड को बेचते हैं इसके बाद पावर ग्रिड आगे डिसटीब्यूट करता है।
देश के नौ रत्नों में शुमार विद्युत उत्पादन में नंबर वन एनटीपीसी नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन कि औरैया के दिबियापुर में स्थित एटीपीसी ने एक नया कारनामा किया यह कारनामा देख कर के बड़े-बड़े लोग भी हैरत में पड़ जाएंगे। यहां बिजली उत्पादन में लगातार अग्रणी रहने वाली एनटीपीसी ने अबकी बार बिजली उत्पादन का एक ऐसा तरीका ढूंढ निकाला है। इसे देख सुन कर के आप हैरत में पड़ जाएंगे। जी हां, घूमने वाले तालाब के ऊपर सोलर पैनल लगाकर उस से बिजली उत्पादन करके एनटीपीसी ने एक नया आयाम रचा है।
मुख्य महाप्रबंधक जसवीर सिंह अहलावत ने बताया कि दिबियापुर एनटीपीसी परिसर में लगे 20 मेगा वाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। 2 साल पहले इस प्रोजेक्ट को लगाना की पहल शुरू हुई जिस पर एलएनटी कंपनी ने इसे मूर्ति रूप दिया और अब यह सोलर प्रोजेक्ट बिजली उत्पादन करने लगा है। हालांकि 20 मेगावाट का सोलर प्लांट एनटीपीसी में पहले से बिजली उत्पादन कर रहा है लेकिन फ्लोटिंग सोलर के चालू हो जाने से इसकी क्षमता बढ़ कर 40 मेगा वाट हो गई है।एनटीपीसी अब इसकी 20 मेगावाट की क्षमता 60 मेगावाट करने के प्रोजेक्ट में लग गई है। एनटीपीसी गैस से पहले ही 670 मेगावाट बिजली पैदा कर रहा था।इससे पहले यह प्रोजेक्ट केरला में और आंध्र प्रदेश में लगाया गया है लेकिन उत्तर प्रदेश में यह पहली बार लगा है। इस प्रोजेक्ट को बनाने के बाद हम खुद बिजली बनाते हैं और इसे पावर ग्रिड को बेचते हैं इसके बाद पावर ग्रिड आगे डिसटीब्यूट करता है।