India News(इंडिया न्यूज़), चमोली “Valley of Flowers” :समुद्रतल से 12995 फीट की ऊंचाई पर चमोली जिले में स्थित विश्व धरोहर फूलों की घाटी आज(बृहस्पतिवार) को पर्यटकों के लिए खोल दी गई है। घाटी के पैदल रास्ते पर दो जगह पर भारी हिमखंड पसरे हैं। इसके साथ ही दो जगह पर हिमखंडों को काटकर रास्ता बनाया गया है।
बता दें, 87.50 वर्ग किमी में फैली फूलों की घाटी हर वर्ष एक जून को खुलती है, तथा 31 अक्टूबर को बंद की जाती है। घाटी के पैदल रास्ते पर दो जगह पर भारी हिमखंड पसरे हैं। साथ ही पर्यटकों को हिमखंडों के बीच से ही होकर गुजरना होगा। वहीं, चमोली जिले में 87 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला, फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है और नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व के दो मुख्य क्षेत्रों (दूसरा नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान) में से एक है।
देश-विदेश से पर्यटक यहां आकर घाटी की प्राकृतिक सुंदरता का दीदार करते हैं। इसके साथ ही करीब 600 प्रजाति के फूलों का भी दीदार किया जाता हैं। यहां मुख्य रूप से ब्रह्मकमल, फेनकमल, ब्लूपॉपी, मारीसियस, मैरीगोल्ड, गोल्डन रॉड, जैस्मिन, रोवन, हेलमेट प्लावर, गोल्डन लीली सहित कई फूल खिलते हैं।
फूलों की घाटी में दुलर्भ प्रजाति के वन्य जीव हिम तेंदुआ, हिमालयन काला भालू, मोनाल, जंगली बिल्ली, कस्तूरी मृग आदि भी विचरण करते रहते हैं। नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क के डीएफओ बीबी मारतोलिया का कहना है कि घाटी एक जून को खोल दी जाएगी। दो जगह पर हिमखंडों को काटकर रास्ता बनाया गया है।
उप प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा बताया गया कि 87.5 वर्ग किमी में फैली घाटी में पर्यटक रंग-बिरंगे फूलों के अलावा दुर्लभ प्रजाति के पशु-पक्षी, जड़ी-बूटी व वनस्पति, कल-कल बहती पुष्पावती नदी, झर-झर झरते झरने, टिपरा ग्लेशियर और बर्फाच्छादित चोटियों का दीदार कर सकते हैं।
बता दें, घाटी की खोज वर्ष 1932 में ब्रिटिश पर्वतारोही व वनस्पति शास्त्री फ्रैंकस्मित ने की थी। वर्ष 1937 में फ्रैंकस्मित ने वैली आफ फ्लावर नामक पुस्तक लिखकर अपने अनुभवों को दुनिया के सामने रखा।
फूलों की घाटी के लिए कोई सीधी फ्लाइट नहीं है। देहरादून में जौलीग्रांट हवाई अड्डे से गोविंदघाट तक टैक्सी या कैब किराए पर ले सकते हैं। जिसके बाद जौलीग्रांट से गोविंदघाट की दूरी 292 किमी है। बस से फूलों की घाटी पहुंचने के लिए आईएसबीटी(ISBT) कश्मीरी गेट दिल्ली से हरिद्वार, ऋषिकेश और श्रीनगर के लिए बसें उपलब्ध रहती हैं।
उत्तराखंड पहुंचने पर ऋषिकेश, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, ऊखीमठ, श्रीनगर, चमोली आदि से गोविंदघाट के लिए बसें और टैक्सी आसानी से मिल जाती हैं। फूलों की घाटी का निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है। गोविंदघाट के लिए यहां टैक्सी और बसें उपलब्ध रहती हैं।
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