India News (इंडिया न्यूज़), Uttarkashi Car Accident : गंगोत्री राजमार्ग पर सैंज के पास पहाड़ी से गिरे बोल्डर की चपेट में आने से एक ईको वैन भागीरथी में जा गिरी, जिसमें सवार 4 व्यक्तियों की मौत हो गई, वहीं 2 गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायलों का उपचार जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी में चल रहा है।
जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार शाम की शाम 4 बजे उत्तरकाशी से भटवाड़ी की ओर जा रही ईको वैन सैंज बिशनपुर के दुर्घटनाग्रस्त हुई। घटनास्थल के 15 मीटर दूर बकरी चुगा रहे उपरीकोट भराणगांव निवासी सत्येंद्र चौहान के अनुसार, पहाड़ी से भारी बोल्डर गिरे। एक भारी बोल्डर कार के ऊपर गिरा, जिससे कार चालक को संभलने तक का मौका नहीं मिला। कार सीधे 50 मीटर नीचे भागीरथी नदी में गिरी। बोल्डर की चपेट में आकर उसकी 13 बकरियां भी मर गई।
#WATCH | Uttarakhand: Three people died and three were injured after a vehicle plunged into a river near National Highway-108 while going from Uttarkashi towards Bhatwari. The SDRF team immediately reached the spot and conducted a joint rescue operation. All the three injured… pic.twitter.com/hVR7xqsKlS
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 15, 2023
सत्येंद्र ने हादसे के बाद अन्य तीर्थयात्रियों के वाहनों को भी रोका। साथ ही सूचना प्रशासन तक पहुंचाई। मौके पर पहुंचे भटवाड़ी के प्रभारी तहसीलदार आरएस चौहान, पुलिस उपाध्क्षक अनुज कुमार के नेतृत्व में रेस्क्यू अभियान चलाया गया। वहीं एसडीआरएफ की टीम ने कार को बीच नदी से किनारे निकाला।
घटनास्थल पर 51 वर्षीय इंद्रा देवी पत्नी उत्तम सिंह निवासी द्वारी भटवाड़ी, 52 वर्षीय कर्ण लाल पुत्र सेवा लाल निवासी सालंग भटवाड़ी, 41 वर्षीय आशा देवी पत्नी मंगल दास निवासी द्वारी की मृत्यु हुई। वहीं, जबकि 58 वर्षीय दुर्गा देवी पत्नी धर्म सिंह निवासी द्वारी की उपचार के दौरान मृत्यु हुई है। दुर्घटना में आदित्य रावत निवासी द्वारी (चालक) और लूदर सिंह निवासी द्वारी भटवाड़ी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मृतकों में शामिल कर्ण लाल अपनी विवाहिता बेटी को उसके ससुराल विदा करके वापस लौट रहे थे।
बता दें कि गंगोत्री हाईवे पर जिस स्थान पर यह दुर्घटना हुई उसी स्थान पर बीते अगस्त महीने में भी भारी बोल्डर गिरा था, जिसके चलते हाईवे तकरीबन 12 घंटे तक बंद रहा था। इस स्थान पर आपदा प्रबंधन की ओर से चेतावनी बोर्ड तक लगाया गया है। लापरवाही की हद यह है कि बोर्ड की दिशा विपरीत है, जिससे वाहन चालकों को डेंजर जोन का पता नहीं चल पा रहा है। इसके अलावा, इस डेंजर जोन के आसपास कोई सुरक्षाकर्मी भी तैनात नहीं है। दुर्घटनाग्रस्त ईको वैन व्यावसायिक वाहन है और वाहन के सभी दस्तावेज वैध हैं।
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