India News(इंडिया न्यूज़), Nitish Kumar : देश में कुछ ही महीनों में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। लेकिन उससे पहले बिहार की सियासत में बड़ा उलट– पलट देखने को मिल रहा है। एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) अध्यक्ष नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के पाला बदलने की चर्चाएं जोरों पर है। ऐसे में जानते हैं कि छात्र राजनीति के जरिए पॉलिटिक्स में एंट्री मारने वाले नीतीश कुमार ने कब-कब पाला बदला?
साल 1994 में नीतीश कुमार ने पहली बार पाला बदल लिया, जब वह जनता दल का हिस्सा थे। जनता दल छोड़ने के बाद नीतीश ने जॉर्ज फर्नांडिस और ललन सिंह के साथ मिलकर 1994 में समता पार्टी बनाई और 1995 का विधानसभा चुनाव वाम दलों के साथ लड़ा। इस दौरान जब समता पार्टी को सफलता नहीं मिली, तो उन्होंने वामदलों के साथ अपना गठबंधन तोड़ लिया और NDA के साथ आ गए
1996 में नीतीश कुमार ने दूसरी बार वापसी की और एनडीए में शामिल हो गये. बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ नीतीश का सफर 2010 तक जारी रहा। फिर एनडीए में नरेंद्र मोदी के बढ़ते कद को देखकर 2014 में नीतीश कुमार ने अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ा। उनके खाते में दो सीटें आईं और फिर 2010 में सीएम बने नीतीश ने सीएम पद छोड़ दिया।
तीसरी बार पलटी मारते हुए नीतीश कुमा ने 2015 में महागठबंधन बनाया विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वह सीएम भी बन गए। इस दौरान नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने और तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बने। उन्होंने 2017 तक महागठबंधन के साथ सरकार चलाई। इसके बाद जब तेजस्वी यादव का नाम आईआरसीटीसी घोटाले में आया तो नीतीश कुमार ने चौथी बार वापसी की और बीजेपी के साथ सरकार बनाई। 2020 का विधानसभा चुनाव नीतीश और बीजेपी ने मिलकर लड़ा और जीत भी हासिल की। इसके बाद 2022 में उन्होंने पांचवीं बार वापसी की और बीजेपी छोड़कर फिर से महागठबंधन में शामिल हो गए।
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