India News (इंडिया न्यूज), SC on Article 370: सुप्रीम कोर्ट ने आज ज्म्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए, आज 11 दिसंबर (सोमवार) को अपना फैसला सुना दिया है। बता दें कि कोर्ट ने फैसला सरकार के पक्ष में सुनाया है।सीजेआई का कहना है कि अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष दर्जा खत्म करने के केंद्र के 2019 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पांच न्यायाधीशों की पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया है। CJI ने अपने फैसले में क्या कुछ कहा है वह भी जान लें।
Art 370 matter | Supreme Court says no maladies in exercise of power under Article 370(3) by President to issue August 2019 order. Thus, we hold the exercise of Presidential power to be valid, says Supreme Court. pic.twitter.com/UvtWwOmF5X
— ANI (@ANI) December 11, 2023
supreme court ने अपने फैसले में क्या कहा?
- CJI यह मानना प्रासंगिक नहीं है कि Article370 को निरस्त करने की घोषणा वैध थी या नहीं।
- CJI: जब राष्ट्रपति शासन लागू होता है तो राज्यों में संघ की शक्तियों पर सीमाएं होती हैं।
- CJI: उद्घोषणा के तहत राज्य की ओर से केंद्र द्वारा लिया गया हर निर्णय कानूनी चुनौती के अधीन नहीं हो सकता। इससे अराजकता फैल सकती है।
- CJI: केंद्र राष्ट्रपति की भूमिका के तहत राज्य सरकार की शक्ति का प्रयोग कर सकता है। याचिकाकर्ताओं की दलीलों को खारिज करते हुए CJI ने कहा कि संसद/राष्ट्रपति उद्घोषणा के तहत किसी राज्य की विधायी शक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं।
- CJI:सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की यह दलील खारिज की कि राष्ट्रपति शासन के दौरान केंद्र द्वारा कोई अपरिवर्तनीय कार्रवाई नहीं की जा सकती
- CJI- भारत में शामिल होने के बाद जम्मू-कश्मीर ने संप्रभुता का तत्व बरकरार नहीं रखा
- CJI: विलय के साथ जम्मू-कश्मीर ने अपनी पूरी संप्रभुता छोड़ दी।
- CJI: Article 370 एक अस्थायी प्रावधान है, स्थायी नहीं।
Article 370 पर अहम बिंदु
(SC on Article 370)
- 2019 में जम्मू-कश्मीर का स्पेशल स्टेट का दर्जा खत्म करते हुए आर्टिकल 370 हटा दिया था।
- सुप्रीम कोर्ट में 16 दिनों तक मेराथॉन बहस चली थी।
- Supreme Court ने 5 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
- तीन साल से अधिक समय के बाद 2 अगस्त को शुरू हुई सुनवाई।
- SC के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India- CJI) डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ आज इस मामले पर फैसला सुनाएगी।
- अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमाणी, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे, राकेश द्विवेदी, वी गिरी और अन्य ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए कोर्ट में केंद्र सरकार के फैसले की पैरवी की।
- याचिकाकर्ताओं की तरफ से कपिल सिब्बल, गोपाल सुब्रमण्यम, राजीव धवन, जफर शाह, दुष्यंत दवे और अन्य वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने अपनी दलीलें कोर्ट में पेश कीं।
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