Friday, July 5, 2024
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20 हथियारों से लैस गैंग के बीच घूमते हैं ये बाबा, तीन साल मे खड़ी की करोड़ो की समपत्ती, अब इन पर ED की भी नजर

बाबा का जलवा किसी सेलिब्रिटी से कम नही। बाबा जिस रास्ते से निकलते है वहां पहले हथियार वाले बंद गार्ड रास्ता खाली कराते हैं, फिर बाबा वहां से निकलते हैं। संतोष भदौरिया ने करोड़ों के चंदे और आश्रम का मैनेजमेंट अपने दोनों बेटों लव और कुश के हाथों में सौंपा है। वर्तमान में दोनो कानपुर में नहीं हैं। बाबा का खुद का सुरक्षा दस्ता है।

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कानपुर में मारपीट के मुख्य आरोपी करौली बाबा आज कल र्चाचाओं का विषय बने हुऐ है। बाबा ने तिन साल मे ही करोड़ो का साम्राज्य बना लिया है। बाबा 14 एकड़ मे बने शानदार आक्षम मे ठाट-बाट से रहते है, लेकिन अब बाबा की मुश्किले बढ़ती हुई नजर आ रही है। दअरसल अब बाबा की आचानक बड़ी समपत्ती ईडी के नजरो में आ गई है। वहीं अब इस मामले से संबंधीत पुलिस की ओर से एसआईटी गठित की जा रही है।

बातादे की बाबा का जलवा किसी सेलिब्रिटी से कम नही। बाबा जिस रास्ते से निकलते है वहां पहले हथियार वाले बंद गार्ड रास्ता खाली कराते हैं, फिर बाबा वहां से निकलते हैं। संतोष भदौरिया ने करोड़ों के चंदे और आश्रम का मैनेजमेंट अपने दोनों बेटों लव और कुश के हाथों में सौंपा है। वर्तमान में दोनो कानपुर में नहीं हैं। बाबा का खुद का सुरक्षा दस्ता है।

बाबा के पास रोजाना आते है पाँच हजार से उपर भक्त

बाबा के हथियारबंद 20 गार्ड वाकी टॉकी के साथ चलते हैं। बाबा के पास तीन रेंज रोवर गाड़ियां हैं।  जो रास्ता साफ कराने के लिए लाल झंडी का प्रयोग करते हैं। बाबा का आश्रम करीब 14 एकड़ में फैला है। हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, निगरानी के लिए कंट्रोल रूम भी बना हुआ है। बाबा ने आश्रम की यह जमीन पीके शुक्ला नाम के शख्स से ली थी, जिसने बाद में क्रिश्चियन धर्म धारण कर लिया था। ये जमीन बाबा को भूदान पट्टा के तहत स्कूल बनाने के लिए मिली थी, लेकिन बाबा ने आश्रम खोल लिया। आश्रम चारों तरफ से आठ फीट ऊंची दीवारों से घिरा है। यहां हर दिन 3500 से 5000 तक लोग आते हैं। अमावस्या वाले दिन यह तादाद और भी ज्यदा हो जाती है।

बाबा से एक बार मिलने का खर्च 6600 रूपये

बाबा के करौली आश्रम में दो मंदिर हैं। एक करौली सरकार यानी राधा रमण मिश्र का और दूसरा मां कामाख्या का। यहां आने के बाद से ही वसूली का खेल शुरू हो जाता है। आश्रम में आने वाले लोगों को सबसे पहले 100 रुपये में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसके बाद 100 रुपये बंधन का चार्ज लगता है। बंधन यानी कमर पर सफेद धागा बांध दिया जाता है। इसे हर तीन महीने में रिन्यू भी कराना होता है। इसके बाद 100-100 रुपये की दो अर्जियां दोनों दरबार के लिए लगती हैं। साथ ही उन्हें 8वें और 9वें दिन के हवन में शामिल होना होता है। इसके लिए करीब 6200 रुपये लगते हैं। यानी यहां आने वाले हर शख्स को कम से कम 6600 सौ रुपये खर्च करने होगे।

बाबा दुख दूर करने के लेते हैं डेढ़ लाख रुपये

अगर बाबा के पास यहां हवन करना चाहता है तो आश्रम की तरफ से 3500 रुपये की एक हवन किट दी जाती है। लोगों को कम से कम 9 हवन करने ही होंगे। जिसका खर्च 31,500 रुपये आएगा। अगर आप 9 दिनों तक आश्रम में रुकते हैं और खाना-पीना करते हैं तो उसका खर्च अलग से। जो लोग 9 दिन हवन नहीं कर सकते या जिन्हें जल्दी इलाज चाहिए उनके लिए एक दिन का खर्च 1.51 लाख रुपये है।

बाबा का दावा- कुछ लोग कर रहे हैं बदनाम करने की कोशीश

करौली शंकर महादेव लवकुश आश्रम की ओर से पत्र जारी कर बाबा ने कहा है कि उनके खिलाफ दर्ज कराई गई रिपोर्ट सनातन धर्म को बदनाम करने का उद्देश्य है। एफआईआर बगैर जांच किसी के दबाव में लिखी गई है। मेरे किसी भी व्यक्ति की ओर से मारपीट नहीं की गई है। आश्रम के इतने वर्ष के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ है।

 

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Ritesh Mishra
Ritesh Mishra
रितेश मिश्रा ने अपने पत्रकारिता जीवन की शुरुआत यूट्यूब चैनल द आरके न्यूज़(The Rk News) से बतौर रिपोर्टर की थी। फिलहाल, रितेश इंडिया न्यूज़ में बतौर कंटेंट राइटर पिछले 18 महीने से जुड़े हुए हैं।
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