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यूपी के रामपुर में 45 लाख रुपये से अधिक की लागत से बने दुनिया का सबसे बड़ा चाकू

• LAST UPDATED : March 20, 2023

(World’s biggest knife made at a cost of over Rs 45 lakh in UP’s Rampur): यूपी (up) के रामपुर (rampur) में बना दुनिया का सबसे महंगा चाकू। जिसकी कीमत करीब 45 लाख रुपये है। बता दे इस चाकू का उद्घाटन भाजपा विद्यायक आकाश सक्सेना ने किया।

  • रामपुर विकास प्रधिकरण द्वारा बन रहा चाकू
  • दुनिया का सबसे पुराने स्टाइल में से एक रामपुरी चाकू
  • मॉडल चौराहे के रूप में होंगा विकसित
  • “लोकल फॉर वोकल” मूल मन्त्र

रामपुर विकास प्रधिकरण द्वारा बन रहा चाकू

फिल्मों में भी रामपुरी चाकू का जिक्र खूब किया जाता था। अब उसी रामपुर में दुनिया का सबसे बड़ा चाकू बन रहा है। यह चाकू जौहर चौराहे पर ब्रास और स्टील का बनाया जा रहा है, जिसकी कीमत करीब 45 लाख रुपये है और चाकू की लम्बाई करीब 20 फिट है। यह चाकू रामपुर विकास प्रधिकरण द्वारा बनवाया जा रहा है।

इस चाकू को बनवाने का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना तो है ही इसके साथ ही चाकू इंडस्ट्री के बंद होने से बेरोजगार हुए कारीगरों को रोजगार देना भी है। रामपुर में बने दुनिया के सबसे बड़े चाकू का उद्घाटन मुरादाबाद कमिश्नर आंजनेय कुमार व रामपुर सांसद घनश्याम सिंह लोधी औऱ भाजपा विद्यायक आकाश सक्सेना ने किया। इस चाकू की लागत करीब 45 लाख है।
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दुनिया का सबसे पुराने स्टाइल में से एक रामपुरी चाकू

मुरादाबाद कमिश्नर ने कहा कि रामपुरी चाकू स्टाइल के मामले में भी दुनिया का सबसे पुराने स्टाइल में से एक है। इसका उद्देश्य यह है कि यहां पर जो कला मर रही थी उस कला को जाने, उस हतशिल्प को जाने, यहां पर पर्यटन की भावनाओं को बल मिले, और यहां के शिल्प को पहचान मिले। मुख्यमंत्री जी ने कहा था कि जितने भी शिल्प हैं सबको एक अलग पहचान मिले।

मॉडल चौराहे के रूप में होंगा विकसित

आम तौर पर इतना बड़ा चाकू नहीं देखा जाता। लोगों में चर्चा का विषय बने, इसलिए इसको यह नाम दिया गया है। हमने आरडीए के द्वारा प्लान किया है कि जितने भी चौराहे हैं उनको मॉडल चौराहे के रूप में विकसित करंगे।

आगे कहा कि जौहर चौराहे को हमने करीब छह माह पहले एक मीटिंग में चुना था। पहले यहां चौराहे पर कोई विकास नहीं था लेकिन अब इसे अच्छी तरह से विकसित कराया गया है।

“लोकल फॉर वोकल” मूल मन्त्र

डीएम ने कहा कि रामपुरी चाकू पर चाइना ने कब्जाकर लिया था। जिस वजह से यहां के कारीगर बेरोजगार हो गए थे। जिसके बाद प्रधानमंत्री जी का “वोकल फ़ॉर लोकल” का जो विचार है, उसको साकार रूप लेते हुए यहां के जो लोकल उत्पाद हैं उन सभी को एक अलग प्लेटफार्म मिला है।

पूरी उम्मीद है की यहां के प्रोडक्ट फिर से मार्केट में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। अभी हम उनको स्पेस दे रहे हैं, ताकि वो अपना तैयार मॉल बेच सकें। जिसके बाद ही टूरिस्ट ज्यादा आएगा और लोगों को रोजगार मिलेगा।

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