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Atal Bihari Vajpayee Birthday: आज अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म दिवस, जानें कवि से लोकप्रिय प्रधानमंत्री तक सफर

• LAST UPDATED : December 25, 2023

India News (इंडिया न्यूज़),Atal Bihari Vajpayee Birth Anniversary: अटल बिहारी वाजपेयी, भारतीय राजनेता और पूर्व प्रधानमंत्री थे। उन्होंने अपने जीवन को देश की सेवा में समर्पित किया। वह 1924 में ग्वालियर में पैदा हुए थे। वाजपेयी ने अपनी शिक्षा बीना विश्वविद्यालय से प्राप्त की और बाद में आर्य समाज की सहायता से प्राइवेट पढ़ाई की। वाजपेयी जी ने राजनीतिक जीवन 1940 में शुरू किया था। वह भारतीय जनसंघ के सहसंस्थापकों में से एक थे और बाद में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सर्वाध्यक्ष भी रहे। 1977 में, वे जनता पार्टी के उपाध्यक्ष बने।

अद्भुत वक्ता थे अटल बिहारी वाजपेयी

वाजपेयी ने प्रधानमंत्री के रूप में 1996, 1998 और 1999 में भारतीय सरकार की नेतृत्व किया। उनके प्रधानमंत्री पद की कार्यकाल में वह अपनी सशक्त विदेश नीति, प्रोडक्टिव एजुकेशन, और आई.टी. सेक्टर में प्रगति को लेकर प्रसिद्ध हुए। अटल बिहारी वाजपेयी एक अद्भुत वक्ता थे और उनकी कविताएं भी बहुत प्रसिद्ध हैं। उन्होंने 2018 में दुनिया को अलविदा कह दिया। उनकी विशेषता, संवेदनशीलता, और शिक्षाप्रद दृष्टिकोण ने उन्हें एक प्रसिद्ध राजनेता के रूप में याद किया जाता है।

ग्वालियर में हुआ था अटल जी का जन्म

रिपोर्ट के अनुसार, 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में जन्में अटल बिहारी ने शुरुआती शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर से हासिल की थी। इसके बाद अटल जी ने ग्वालियर के ही विक्टोरिया कॉलेज से अंग्रेजी, हिंदी और संस्कृत की शिक्षा हासिल की। बाद में वो अध्ययन के लिए अटल कानपुर पहुंचे और यहां के DAV कॉलेज से राजनीति शास्त्र में परास्नातक की डिग्री हासिल की। उन्होंने कानून की पढ़ाई के लिए लॉ में भी दाखिला लिया हालंकि ये पढ़ाई उन्हें बीच में ही छोड़नी पड़ी।

बतौर पत्रकार की थी करियर की शुरुआत

जानकारी एक अनुसार, अटल जी ने अपना करियर पत्रकार के रूप में शुरू किया था और 1951 में भारतीय जन संघ में शामिल होने के बाद उन्होंने पत्रकारिता छोड़ दी थी। छात्र जीवन के दौरान वो पहली बार राष्ट्रवादी राजनीति में तब आये जब उन्होंने वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया। बतया जाता है कॉलेज के दिनों में ही उनकी रुचि विदेशी मामलों के प्रति बढ़ी। उनकी यह रुचि वर्षों तक बनी रही एवं विभिन्न बहुपक्षीय और द्विपक्षीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए उन्होंने अपने इस कौशल का परिचय दिया।

आखिर में गैर -कांग्रेसी पीएम बने

इसके बाद अटल जी राजनीति में चार दशकों तक सक्रिय रहे। वह लोकसभा में नौ बार और राज्य सभा में दो बार चुने गए। पीएम के अलावा विदेश मंत्री, संसद की विभिन्न महत्वपूर्ण स्थायी समितियों के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। सबसे महत्वपूर्ण 1994 में उन्हें भारत का ‘सर्वश्रेष्ठ सांसद’ चुना गया।

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