उत्तर प्रदेश के बांदा में दलित युवक की हत्या से इलाके में हड़कंप मच गया है। परिजनों का आरोप है कि उनका बेटा दूसरे घर में अपनी दादी के घर जा रहा था, तभी गांव के दबंगों ने उसे रोक लिया और सड़क पर पत्थरों से पटक-पटक कर उसकी हत्या कर दी। युवक की मां ने जब यह देखा तो उसने परिजनों को बुलाया और उसे तुरंत अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस को बताया गया कि घटना के समय शिवकरण का 18 वर्षीय बेटा रत्नेश अपने घर से दादी के यहां जा रहा था। इसी दौरान कुछ गांव वालों ने उन्हें रोककर जातिसूचक गालियां देते हुए कहा कि तुम्हें खेतों में लकड़ियां लगाने को कहा था, तुमने नहीं लगाईं। अभी साथ चलो, वरना जान से मार देंगे।
बेटे ने विरोध किया तो उसे सड़क पर पटक दिया और सिर पर पत्थर से वार कर दिया। इसके बाद घटना ने गंभीर रूप ले लिया। दैवीय वार से बेटे की मौत हो गई। जिला अस्पताल के डॉ। विनीत सचान ने बताया कि युवक को मृत अवस्था में लाया गया था। इससे पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी। पटेल ने मारपीट के खिलाफ तहरीर देकर सख्त कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
DSP अंबुजा त्रिवेदी ने बताया कि 5 जून को गिरवां थाना क्षेत्र में एक युवक रत्नेश पतले गांव में कुछ लोगों ने शराब के नशे में पत्थर मारे। परिजनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। ‘भाग्य की गति के आधार पर केस दर्ज किया गया है। शव को छुपाने के लिए आगे की कार्रवाई की जा रही है। जल्द से जल्द अरेस्ट कर लिया जाएगा।