India News(इंडिया न्यूज़),Basti News: एक पुरानी कहावत है की कभी गाड़ी नाव पर तो कभी नाव गाड़ी पर। इसी कहावत को चरितार्थ कर रहा है। इस समय उत्तर प्रदेश की परिवहन विभाग। जहां पर विभाग के कई बसें इस समय हाफती नजर आ रही हैं। परिवहन विभाग की बसों को लेकर विपक्ष भी कई बार यूपी सरकार को घेर चुका है लेकिन विभाग की बसें आए दिन सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रही हैं और अपने विभाग का पलीता भी लगा रही है।
ऐसा ही एक नजारा बस्ती के हरैया में देखने को मिला जहां पर यात्रियों से खचाखच भरी सरकारी बस चाय नाश्ते के लिए एक ढाबे पर रुकी लेकिन चाय नाश्ता के बाद जब सभी यात्री बस में चढ़े तो बस स्टार्ट होने का नाम ही नहीं ले रही थी। जिसके बाद बस के ड्राइवर और कंडक्टर को अब यह समझ नहीं आ रहा था कि बस को कैसे स्टार्ट किया जाए। फिर क्या था बस के ड्राइवर और कंडक्टर ने सवारियों से मिन्नतें की कि बस को धक्का लगाइए और अपने मंजिल तक पहुंच जाइए। सवारियों को भी अब यह समझ नहीं आ रहा था कि काश हम सभी चाय नाश्ता के चक्कर में ना पड़े होते तो इस कड़ी धूप में हमे बस को धक्का नहीं लगाना पड़ता,लेकिन कहते हैं ना कि मजबूरी क्या न कराए।
बस यात्री उतरे और खड़ी दुपहरिया में जमकर पसीना बहाया फिर जाकर बस स्टार्ट हुई और अपने गंतव्य स्थान को रवाना हो गई,लेकिन यात्रियों का बस को धक्का मारने का किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। जिसके बाद परिवहन विभाग की लोग जमकर खिल्ली उड़ा रहे हैं। इस पूरे मामले पर जब हमने बस्ती के एआरएम आयुष भटनागर से बात की तो उन्होंने बताया की बस का टर्मिनल खराब हो गया था जिसकी वजह से बस स्टार्ट नहीं हुई, लेकिन सफाई पेश करते हुए कहा कि जो लोग धक्का लगा रहे हैं वह यात्री नहीं बल्कि बस के स्टाफ हैं ऐसे में आप आप ही बताइए कि बस में कितने स्टाफ होते हैं।चलती बस में केवल एक ड्राइवर और एक कंडक्टर होता है तो क्या दो लोग किसी बस को धक्का मार कर स्टार्ट कर लेंगे।एआरएम साहब का यह तर्क समझ से परे है।