Basti: इन दिनों प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। सभी कक्षाओं की परीक्षा आयोजित की जा रही हैं। लेकिन बस्ती के एक कंपोजिट विद्यालय से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर बच्चों से गलत सवाल ही पूछा गया। यही नहीं जानकारी होने पर भी प्रश्न को न ही बदला न ही उसे हटाया गया। संबंधित अधिकारी इससे बचते नजर आए। पूरा मामला कक्षा 4 के गणित के प्रश्न पत्र से जुड़ा हुआ है।
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में इन दिनों वार्षिक परीक्षा चल रही है। विद्यालयों में होने वाली परीक्षाओं के प्रश्नपत्र को बनाने की जिम्मेदारी अधिकारियों की होती है। लेकिन वो किस प्रकार के प्रश्नपत्र का निर्माण करते हैं ये देखने के लिए आपको बस्ती आना होगा। दरअसल बस्ती जनपद के बेसिक शिक्षा परिषद के अफसरों की ओर से वितरित किये गए कक्षा 4 के गणित के प्रश्न पत्र में पूछा गया दूसरा सवाल गलत बताया जा रहा है।
प्रश्न पत्र में जो सवाल पूछा गया है इसे आप सुन लेंगे तो आप भी हंसते हंसते लोटपोट हो जाएंगे। दरअसल उस प्रश्न में हजार की संख्या में लाख को हटाने के लिए बोला गया है। गलत सवाल पूछे जाने पर बच्चो का सिर भी चकरा गया, आखिर वे इसका जवाब लिखे भी तो क्या लिखें और अगर लिख भी दिया तो गुरु जी नंबर कैसे देंगे।
बताया गया कि प्रश्न संख्या 2 में पूछा गया है कि एक शहर की जनसंख्या 75682 है इनमें 365222 पुरुष,229128 महिलाएँ तथा शेष बच्चे हैं । शहर में कितने बच्चे हैं ? हजार में से लाख को कैसे अलग अलग करें छात्र ? इस तरह के सवाल देखकर फ़िल्म शोले के कलाकार असरानी की याद आ जाती है जिन्होंने जेल परिसर में अपने पुलिस कर्मियों से कहा था कि “आधे इधर जाओ आधे उधर जाओ बाकी मेरे पीछे आओ”।
इस पूरे मामले पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ। इंद्रजीत प्रजापति ने कहा कि यह प्रिंटिंग प्रेस की मिस्टेक है क्योंकि इसमें भारी मात्रा में पूरे जनपद के प्रश्न पत्र छपते हैं तो असल में गलती वहीं से हुई है फिलहाल बच्चों को क्लास में यह बता दिया गया था की प्रश्न पत्र में सुधार करके आगे प्रश्न पत्र को हल करने के लिए कह दिया गया था।