टॉप न्यूज़

Byju’s: अर्श से फर्श तक, जानिए कैसे बिगड़ता चला गया ‘खेल’

India News (इंडिया न्यूज़) Byju’s: भारत में शुरू से सरकारी नौकरी को ज्यादा महत्व् दिया जाता है। लेकिन पिछले कुछ सालों से यह काम हो गया है। अब लोग खुद का व्यापार करना चाहते है और खुद का स्टारटर करना चाहते है। लेकिन एक ऐसी भी कंपनी जो उस समय शुरू हुआ जब लोग व्यापर को छोटा समझते थे। तब एक शख्स ने नई शुरुआत कर दी थी। उस शख्स में एजुकेशन सेक्टर को बदलने की चाहत थी, इसलिए वो कुछ अलग करना चाहता था तब उसने ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म तैयार किया। जिसका नाम Byju’s रखा।

कब हुए Byju’s की शुरुआत

भारत में स्टार्टअप शब्द भी किसी ने नहीं सुनी थी उस समय यानि साल 2011 में रविंद्रन ने एक कंपनी शुरू की जिसका नाम BYJU’s रखा। साल 2015 में ये कंपनी एक ब्रांड बन चुकी थी। साल 2016 में भारत में स्टार्टअप शब्द लोगों आया और लोग इसके बारे में सोचने लगे।

फ़िलहाल, शनिवार को ईडी ने बायजूस के दो दफ्तर जो बेंगलुरू स्थित है और कंपनी के सीईओ रविंद्रन के घर पर छापामार की है। बायजूस पर फेमा कानून के उल्लंघनों का आरोप है। मिली जानकारी के अनुसार ईडी ने दावा किया है कि इससे जुड़े कई डिजिटल डाटा और कुछ दस्तावेज जब्त किया है।

कोविड में बायजूस की खिली बांछें

दुनिया के दौर ऐसा ही आता जब लोग अपने बच्चों को स्कूल जाने से रोकने लगे आप सोच रहे होंगे की ये क्या है? जी हाँ, साल 2020 का वो समय जब दुनिया मे कोविड का टाइम चल रहा था। हर जगह लॉकडाउन की वजह से पूरी दुनिया फोन के माध्यम से ऑनलाइन शिफ्ट हो गई। बच्चे फोन के माध्यम से पढ़ाई शुरू कर दिए। उस समय बायजूस के साथ – साथ कई बड़ी कम्पनीयों ने फायदा उठाया।

साल 2020 में बायजूस ने व्हाइट हैट जूनियर जैसे कोडिंग लर्निंग प्लेटफॉर्म को खरीद लिया। धीरे-धीरे कंपनी का मुनाफा बढ़ता चला गया और फिर साल 2021 में कंपनी ने आकाश एजुकेशनल सर्विसेस को भी खरीद लिया। कंपनी में काम इतनी ईमानदारी से हुआ की मेडिकल परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाला देश का सबसे बड़ा एजुकेशन सर्विस बन गया। वो साल था 2022 जब कंपनी पर अचानक से संकट आ गया। कंपनी की ओर से वो पूरा साल ख़राब बिता था।

कहां से शुरू हुआ बायजूस का स्ट्रेस?

2018 में यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल करने वाली बायजू का वित्तीय तनाव तब शुरू हुआ जब कंपनी वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए अपने वित्तीय नतीजे समय पर जारी नहीं कर सकी। कंपनी के ऑडिटेड नतीजे 18 महीने की देरी से जारी किए गए। तब कंपनी ने अपना घाटा 4,588 करोड़ रुपये दिखाया था। जबकि पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 में यह सिर्फ 262 करोड़ रुपये था।

कंपनी ने अभी भी 31 मार्च 2022 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए अपने नतीजे जारी नहीं किए हैं, जबकि पूरा वित्तीय वर्ष 2022-23 बीत चुका है। देश में 1 अप्रैल 2023 से नया वित्तीय वर्ष शुरू हो गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में बायजू भी जीएसटी इंटेलिजेंस की जांच के दायरे में आ गया। हालांकि, तब कंपनी ने बकाया चुकाकर मामला सुलझा लिया था।

निवेशकों का डगमगा भरोसा

कंपनी के वित्तीय नतीजों में देरी से जहां इसके निवेशकों का भरोसा डगमगा गया है, वहीं कंपनी की वित्तीय कार्यप्रणाली पर पहले ही कई सवाल उठ चुके हैं। कंपनी से जुड़े विवादों ने इन सब पर ‘कोढ़ में खाज’ का काम किया। एक समय शाहरुख खान बायजू का प्रचार करते थे। लेकिन जब उनके बेटे आर्यन खान का नाम ड्रग केस में आया तो बायजू ने रिश्ता तोड़ दिया। इसके बाद बायजस अन्य विवादों में घिरने लगा। यह कंपनी 2022 में लोगों की छंटनी कर सकती है या छंटनी के दौरान महंगे फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेसी को अपना नया ब्रांड एंबेसडर बना सकती है।

कंपनी ने दी अपनी सफाई

इससे भी बड़ा विवाद ये था कि बायजूज़ पर बच्चों और उनके माता-पिता का डेटाबेस खरीदने का आरोप लगा था। जब माता-पिता और बच्चों पर BYJU की सदस्यता लेने के लिए दबाव डालने के इस मामले ने तूल पकड़ा तो उन्हें राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने भी तलब किया था। बाद में कंपनी ने इस पर अपनी सफाई भी दी, लेकिन उनका कहना है कि यह सिर्फ डैमेज कंट्रोल था। BYJAS से जुड़ा हालिया विवाद सरदार पटेल को लेकर था। कंपनी के अध्ययन सामग्री में कश्मीर मुद्दे पर सरदार पटेल के विचारों की जानकारी प्रकाशित होने पर हंगामा मच गया।

Byju’s founder के घर क्यों पहुंची ED?

जब बायजू प्रगति की राह पर था, तब इसके संस्थापक बायजू रवीन्द्रन भी एक चमकता सितारा थे। साल 2020 में फोर्ब्स इंडिया की सबसे अमीर लोगों की सूची में रवींद्रन भारत के सबसे कम उम्र के अरबपति थे। उनकी संपत्ति 3।05 अरब डॉलर आंकी गई थी। और महज 3 साल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके घर और दफ्तर पर डेरा डाल दिया है।

ईडी ने अपने बयान में कहा है कि बायजूज ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। कंपनी ने 2011 से 2023 के बीच विदेशों से 28,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश जुटाया है। जबकि इसी अवधि के दौरान विदेशी कंपनियों में ओवरसीज डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट के नाम पर 9,754 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं।

944 करोड़ रुपये के खर्च ने खींचा ईडी का ध्यान

इतना ही नहीं 944 करोड़ रुपये के खर्च ने ईडी का सबसे ज्यादा ध्यान खींचा है। कंपनी ने इसे अपने अकाउंट में विज्ञापन और मार्केटिंग पर खर्च के तौर पर दिखाया है। ईडी की बाकी जांच अभी जारी है, इसलिए संभावना है कि इस मामले में और भी कुछ सामने आ सकता है। फिलहाल कंपनी ने अपनी सफाई में इसे ‘नियमित पूछताछ’ बताया है।

ALSO READ –

Anubhaw Mani Tripathi

Recent Posts

CM Yogi: शिक्षा की तरफ बड़ा कदम, यूनिफॉर्म के लिए सरकार की तरफ से मिलेंगे 1200

India News UP (इंडिया न्यूज़), CM Yogi: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा…

4 months ago

UP News: 12 किलोमीटर चलने के बाद ऑटो की सवारियों को दिखा अजगर! मची भगदड़

India News UP (इंडिया न्यूज़), UP News: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में एक चौंकाने…

4 months ago

Allahabad High Court: HC ने खारिज की याचिका, फैसला कांग्रेस के सांसदों के पक्ष में

India News UP (इंडिया न्यूज़), Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांग्रेस पार्टी के 99…

4 months ago

Bahraich News: भेड़ियों का आतंक! मासूम बच्चों की ले ली जान

India News UP (इंडिया न्यूज़), Bahraich News: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भेड़ियों का…

4 months ago