India News (इंडिया न्यूज),देहरादून:”Child Pornography” राजधानी दून में बच्चों की अश्लील वीडियो शेयर करने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। बता दें कि केंद्र की साइबर टिप लाइन पोर्टल की निगरानी में मामला आने के बाद इसपर ‘कार्रवाई’ की गई। जिसके बाद से पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी है।
बता दें, शहर कोतवाली में मुकदमा एसएसआई प्रदीप रावत की ओर से दर्ज कराया गया है। उनका कहना है कि केंद्र के साइबर टिप लाइन पोर्टल के माध्यम से सोशल मीडिया वेबसाइटों, पोर्टलों आदि पर बच्चों की अश्लील वीडियो अपलोड व शेयर करने वालों के खिलाफ निगरानी की जा रही है। बता दें, एक मामला संज्ञान में आने के बाद रिपोर्ट कोतवाली पुलिस को भेजी गई थी। जिसमे पता चला कि यह वीडियो अहमदुल्ला खान निवासी नया नगर, पक्की गली के मोबाइल से शेयर किया गया है। जिसमें की सिम भी अहमदुल्ला के नाम पर ही था। मामले में अहमदुल्ला के खिलाफ कोतवाली में आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं, इस साल चाइल्ड पोर्नोग्राफी का यह चौथा मामला प्रदेश में दर्ज किया गया है।
चाइल्ड पोर्नोग्राफी एक अपराध है जिसमें की बच्चे का यौन आग्रह या नाबालिग की भागीदारी वाली अश्लील सामग्री को शामिल किया जाता है। इसमे बच्चों को बहला-फुसलाकर उनको ऑनलाइन संबंधों के लिए तैयार किया जाता है। फिर उनके साथ यौन संबंध बनाना या बच्चों से जुड़ी यौन गतिविधियों को रिकॉर्ड करके एमएमएस बनाना या फिर उसको दूसरों को भेजना आदि भी इसके तहत आते हैं। लेकिन इसमे बच्चों से मतलब है – 18 साल से उससे से कम उम्र के लोग से है।
बता दें, भारतीय कानून के अनुसार, चाइल्ड पोर्नोग्राफी की तस्वीरें बनाना, उसे उत्पादित करना और शेयर करना बिल्कुल गैरकानूनी है। POSCO एक्ट 2012 के धारा 14 और 15 में बताया गया है कि किसी भी बच्चे का इस्तेमाल चाइल्ड पोर्नोग्राफी के लिए करने पर 5 साल की कैद और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। साथ ही, IT एक्ट की धारा 67B में भी किसी भी तरह के चाइल्ड न्यूड कंटेंट को रखना, ब्राउज करना, डाउनलोड करना, एडवर्टाइज करना, प्रमोट करना और शेयर करना गैरकानूनी है।
-पुलिस या चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचित करें।
-उसके बारे में कानून की उचित जानकारी होनी चाहिए।
-सामुदायिक समर्थन जुटाएं (मोबिलाइज कम्युनिटी सपोर्ट)
-बच्चे को परामर्श (काउंसलिंग) देना चाहिए और उस व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।
भारत में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम 2000, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम 2012 में पोर्नोग्राफी से जुड़े कई प्रावधान हैं। बता दें, भारत में चाइल्ड पोर्नोग्राफी को अपराध के तौर पर माना जाता है जिसको लेकर इस पर कई कानून हैं
भारतीय दण्ड संहिता, 1860: भारत की प्राचीनतम दण्ड संहिता में, बाल यौन उत्पीड़न और बाल अश्लीलता को अपराध के रूप में माना गया है।
धारा 354, 354A, 354B, 354C और 376एबी में बाल यौन उत्पीड़न और अन्य अपराधों के लिए सजा दी गई है।
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