India News UP (इंडिया न्यूज), Climate Change: उत्तराखंड में ग्लेशियरों के पिघलने से कई नई झीलें बन रही हैं, जिनमें से कुछ पर वैज्ञानिक लगातार नज़र रख रहे हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि इनमें से कुछ झीलें किसी बड़े खतरे का संकेत दे रही हैं। भागीरथी जलग्रहण क्षेत्र में स्थित खतलिंग ग्लेशियर के तेज़ी से पिघलने से भिलंगना झील का आकार बढ़ रहा है । पिछले 47 सालों में भिलंगना झील का क्षेत्रफल 0.38 वर्ग किलोमीटर बढ़ गया है, जो 4750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
उत्तराखंड में पांच झीलों की पहचान की गई है , जिनमें से दो बेहद संवेदनशील हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार इन झीलों पर लगातार नज़र रखी जा रही है। ग्लोबल वार्मिंग की मार पूरी दुनिया झेल रही है और इसका सीधा असर हिमालय के ग्लेशियरों पर भी दिख रहा है। ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं, जिससे न सिर्फ भविष्य में जल संकट बढ़ सकता है, बल्कि ग्लेशियर पिघलने से बनने वाली झीलें भी बड़े खतरे का संकेत दे रही हैं।
उत्तराखंड में वसुधरा झील और भागीरथी झील समेत पांच झीलों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि जल्द ही आईटीबीपी, एनडीआरएफ, जीएसआई और एनआईएच समेत विभिन्न वैज्ञानिकों की एक टीम वसुधरा झील की निगरानी के लिए भेजी जाएगी, जो वहां पहुंचकर इसकी मौजूदा स्थिति का अध्ययन करेगी। अगर झील से कोई खतरा महसूस होता है तो झील से धीरे -धीरे पानी निकालने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी, ताकि कोई बड़ा हादसा न हो।